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राजफैड की ओर से की गई समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द व मूंगफली की खरीद बंद करना किसानों के लिए भारी पड़ रहा है। तय समय तक किसान पूरी फसल समर्थन मूल्य पर नहीं बेच सके। किसान अब दलालों को कम भाव में माल बेचने के लिए मजबूर हैं। किसान इन फसलों की सरकारी खरीद फिर शुरू करने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने केंद्र को 7 फरवरी तक फिर खरीद शुरू करने का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन फिलहाल अनुमति जारी नहीं हुई है।
मूंगफली की सरकारी खरीद शुरू की गई थी
गत आठ अक्टूबर को प्रदेश में मूंग व उड़द और 11 नवम्बर को मूंगफली की सरकारी खरीद शुरू की गई थी, लेकिन खरीद की तय सीमा व प्रकिया सम्बन्धी मुश्किलों के चलते प्रभावित होती रही। इस बीच, राजफैड ने 24 जनवरी को मूंगफली व 26 जनवरी को मूंग और उड़द की खरीद बंद कर दी। किसानों के पास अब भी उपज रखी हैं, वे इसको समर्थन मूल्य पर बेचना चाह रहे हैं। मंडियों के बाहर ट्रैक्टरों की कतारें तक लगी हुई हैं, लेकिन सरकार ने सुध नहीं ली। दलालों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है।
भुगतान भी अटका
जिन किसानों ने अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेची, वे भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं। दिसम्बर में माल बेच चुके किसानों को अब तक भुगतान नहीं मिला। राजफैड की मानें तो भुगतान केंद्र के पास अटका हुआ है। भारतीय किसान संघ के आंदोलन सह-संयोजक तुलछाराम सिंवर ने सरकार ने इन फसलों की खरीद फिर से शुरू करने व भुगतान जारी करने की मांग की है।
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भेजा है प्रस्ताव
मूंग, उड़द व मूंगफली की खरीद की तारीख ७ फरवरी तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। अनुमति मिलने पर खरीद फिर से शुरू हो सकती है। भुगतान शीघ्र जारी होगा।
ब्रजेश राजोरिया, जनरल मैनेजर, नैफेड, जयपुर
Published on:
29 Jan 2018 09:23 am
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