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Physical coach: डिप्लोमाधारी शारीरिक शिक्षक कर रहे बाबू का काम, जाने वजह

Physical coach: विशेषज्ञ कोच तैयार करने पर लाखों खर्च, लेकिन सुविधाएं कहां?- एनआइएस के कोच ऐसे स्कूलों में लगे, जहां उपकरण-सुविधाएं नहीं

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Physical coach: डिप्लोमाधारी शारीरिक शिक्षक कर रहे बाबू का काम, जाने वजह

Physical coach: डिप्लोमाधारी शारीरिक शिक्षक कर रहे बाबू का काम, जाने वजह

Physical coach: राज्य सरकार प्रदेश की स्कूलों में राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर विशेषज्ञ कोच तैयार करती है। फिर भी स्कूली खेलों में आशानुरूप परिणाम नजर नहीं आते है और स्कूली खेलों में राजस्थान अन्य राज्यों की बराबरी नहीं कर पा रहा है। इसकी वजह, कोचों व शारीरिक शिक्षकों को स्कूलों में पूरे खेल उपकरण व सुविधाएं नहीं मिलना है।

शिक्षा विभाग बीकानेर की ओर से हर वर्ष इच्छुक शारीरिक शिक्षकों को पूर्ण वेतन पर देश के एनआइएस कोचिंग सेंटर भेजकर अलग-अलग खेलों में एक वर्षीय कोचिंग डिप्लोमा कराया जाता है। इन शारीरिक शिक्षकों को संबंधित खेलों में कोचिंग तो करवा दी जाती है, लेकिन उन्हें अपनी योग्यता व कोचिंग स्किल के प्रदर्शन का मौका नहीं मिल पाता है। प्रशिक्षण के बाद इन शारीरिक शिक्षकों को विभाग की ओर से संचालित खेल प्रशिक्षण केंद्रों पर नहीं लगाया जाता है और ना ही उन्हें संबंधित खेल के उपकरण-सुविधाएं उपलबध करवाई जाती हैं। इससे जिस उद्देश्य को लेकर प्रशिक्षकों को तैयार किया जाता है, उसकी पूर्ति नहीं हो पाती है

वर्तमान में हजारों डिप्लोमाधारी
शिक्षा विभाग की ओर से हर वर्ष इच्छुक शारीरिक शिक्षकों को अलग-अलग खेलों में कोचिंग के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस राष्ट्रीय कोचिंग संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स) पटियाला भेजा जाता है। वर्तमान में प्रदेश के शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में कोचिंग डिप्लोमा किए हुए शारीरिक शिक्षक बैठे हैं, जो ऐसे विद्यालयों में नियुक्त हैं, जहां उनके खेल से संबंधित खेल उपकरण, संसाधान व खेल मैदान नहीं है। इस कारण वे अपने खेल की योग्यता का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं और ना ही खिलाड़ी तैयार कर पाते हैं। जोधपुर में विभिन्न खेलों में एनआइएस कोचिंग किए करीब 20 से अधिक शारीरिक शिक्षक है।

कई पद रिक्त पड़े है
शिक्षा विभाग में अलग खेल प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं लेकिन विभाग की ओर से प्रशिक्षकों की भर्ती नहीं होने के कारण आधे से अधिक पद इन केंद्रों पर रिक्त पड़े हैं। वर्तमान में सार्दुल स्पोर्ट्स स्कूल बीकानेर, राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय जोधपुर सहित शिक्षा विभाग की विभिन्न स्कूलों में डे बोर्डिंग खेल छात्रावास व सत्र पर्यंत कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रशिक्षकों के पद रिक्त पड़े है।

प्रशिक्षक कर रहे बाबू का काम
शिक्षा विभाग की स्पष्ट नीति व गाइड लाइन नहीं होने के कारण कुछ प्रशिक्षकों को खेल के मैदान में प्रशिक्षण दिलाने की जगह विभाग के कार्यालय में बाबू का काम सौंप दिया जाता है।

वर्तमान में पदों की स्थिति
पदनाम--स्वीकृत पद---रिक्त---कार्यरत

प्रशिक्षक--- 21---14----07
कोच--- 19---04-----15
शारीरिक व्यायाम शिक्षक---06---02---04