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SPORTS POLICY–खेल नीति में ‘खेल’ : नियमों के जाल में उलझकर ‘आउट’ हो रहे प्रदेश के खिलाड़ी

एक खेल एक नीति, नियमों के जाल में पिछड़ रहे प्रदेश के खिलाड़ी- एसजीएफआई से खेले नेशनल मेडलिस्ट को ही नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण, अन्य वंचित - जबकि ओपन नेशनल में भाग लेने वाले हर खिलाड़ी को मिल रहा कोटा- पीछे रह रहे है प्रदेश के हजारों खिलाड़ी

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जोधपुर

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Amit Dave

Jun 29, 2023

SPORTS POLICY--खेल नीति में 'खेलÓ : नियमों के जाल में उलझकर 'आउटÓ हो रहे प्रदेश के खिलाड़ी

SPORTS POLICY--खेल नीति में 'खेलÓ : नियमों के जाल में उलझकर 'आउटÓ हो रहे प्रदेश के खिलाड़ी

जोधपुर।

राज्य सरकार जहां खेल और खिलाडि़यों को आगे बढ़ाने के लिए खेल नीति बनाकर वाहवाही लूट रही है। वहीं, सरकार की बनाई खेल नीति के नियमों में विसंगतियों की वजह से प्रदेश के हजारों खिलाड़ी पिछड़ रहे है। खेल नीति के अनुसार स्कूली खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) की प्रतियोगिताओं में मेडलिस्ट होने पर ही राज्य सरकार की नौकरी में 2 प्रतिशत आरक्षण के योग्य माना है, जबकि इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन या इससे संबंध किसी नेशनल स्पोर्ट्स फैडरेशन की ओर से आयोजित किसी खेल की नेशनल चैंपियनशिप या नेशनल में व्यक्तिगत या टीम प्रतिस्पर्धा में राजस्थान का प्रतिनिधितत्व किया हो तो उसे 2 प्रतिशत राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ी कोटे में नौकरी के लायक माना जाता है।

हर साल राज्य के हजारों स्कूली खिलाड़ी एसजीएफआई में नेशनल खेलते हैं लेकिन विडंबना है कि उन खिलाड़ियों को राज्य की खेल नीति में उत्कृष्ट खिलाड़ी नहीं माना जाता है और 2 प्रतिशत के आरक्षण से ये खिलाड़ी वंचित रह जाते है। वहीं ओपन खेले खिलाड़ी एसोसिएशन के आड़ में नेशनल खेल कर 2 प्रतिशत आरक्षण के हकदार बन नौकरियां ले लेते है।

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बाहर के खिलाड़ी उठाते है फायदा

उल्लेखनीय है कि खेल नीति बनने के बाद प्रदेश के खेल मंत्री ने कहा था कि राजस्थान की जर्सी पहनकर खेलने वाले खिलाड़ी को सरकार नौकरी देगी जबकि राजस्थान की जर्सी पहनकर प्रति वर्ष हजारों खिलाड़ी एसजीएफआई की ओर से खेलते हैं लेकिन 2 प्रतिशत आरक्षण कोटे से आरक्षित सीटें नियमों की बाध्यता व विसंगतियों के चलते खाली रह जाती है। हकीकत यह है कि राजस्थान से बाहर के खिलाड़ी मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरियों में फायदा उठा रहे हैं ।

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एसजीएफआई में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक के साथ ही प्रतियोगिताओं में भाग लेेने वाले खिलाड़ियों को भी राज्य की रिक्तियों के अनुसार घटते क्रम में नियुक्ति दी जाए, ताकि प्रदेश के खिलाड़ियों को आरक्षण का फायदा मिल सके। इस संबंध में एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री व खेल मंत्री से मिलकर अवगत कराएंगे।

हापूराम चौधरी, प्रदेशाध्यक्षराजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ

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राजस्थान स्कूली खेलों में जिन खेलों की प्रतियोगिताएं करवाई जाती है। उन खेलों के खिलाड़ियों को आरक्षण का लाभ दिया जाए।

भैरूसिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री

राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ


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