
मादक पदार्थ तस्करी में पुलिस-तस्कर गठजोड़!
- सप्ताह में तीन से चार ट्रक डोडा पोस्त की खेप पहुंच रही जोधपुर
- तस्करों की जानकारी के बावजूद जिले में नशे का सेवन परवान पर
जोधपुर.सरकार ने डोडा पोस्त के ठेकों पर पाबंदी लगाकर तस्करों की पौ-बारह कर दी है। कम समय में चांदी कूटने की उम्मीद में न सिर्फ जिले के बल्कि संभाग के बदमाश मादक पदार्थ की तस्करी में उतर आए हैं। इसके लिए तस्करों ने पुलिस से कथित गठजोड़ किया है, जो मादक पदार्थ से भरे ट्रक व अन्य वाहनों को एस्कोर्ट कर गंतव्य तक पहुंचने में मददगार बन रहे हैं। इनकी मदद से बड़े तस्कर हर दूसरे-तीसरे दिन और अन्य तस्कर पांच-छह दिन में डोडा पोस्त से भरा एक ट्रक जोधपुर व आस-पास के क्षेत्र में मंगवाकर मालामाल हो रहे हैं। गत चार मई की मध्यरात्रि बोलेरो कैम्पर में 183 किलो डोडा पोस्त के साथ लोहावट थाना पुलिस के हत्थे चढ़े जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के कांस्टेबल से जांच में यह सामने आया है। उधर, बाप थाने में गत पांच अप्रेल को ट्रक से 2988 किलो डोडा पोस्त की बरामदगी के मामले में वांछित कांस्टेबल प्रभुराम विश्नोई का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। मौके से फरार ट्रक चालक को उसके फार्म हाउस से पकड़ा गया था।
रुपए की उपलब्धता पर निर्भर डोडा पोस्त की तस्करी
सरकारी रोक के बावजूद वर्तमान में डोडा पोस्त तीन हजार रुपए प्रति किलो की दर से मिल रहा है। यानि एक क्विंटल के तीन लाख रुपए। अमूमन एक ट्रक में तीन से चार हजार किलो डोडा पोस्त की खेप पहुंचती है, जिसकी लागत अस्सी लाख से एक करोड़ रुपए तक की होती है। तस्करों को अग्रिम राशि देनी होती है। इस राशि की उपलब्धता पर तस्करी निर्भर कर रही है। जिले के बड़े तस्कर हर दूसरे-तीसरे दिन एक ट्रक भरकर डोडा पोस्त ला रहे हैं। जबकि छोटे तस्कर पांच-छह दिन में एक चक्कर करते हैं।
कांस्टेबल : छह दिन रिमांड पूरा, सात दिन और बढ़ाया
लोहावट थाना पुलिस ने गत चार मई की मध्यरात्रि में मूंजासर के पास बोलेरो कैम्पर का 25 किमी पीछा कर 183 किलो डोडा पोस्त के साथ सालोड़ी गांव निवासी जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के कांस्टेबल सुनील विश्नोई को गिरफ्तार किया था। उसे छह दिन के रिमाण्ड पर भेजा गया था। जांच कर रहे खेड़ापा थानाधिकारी सुरेन्द्र ने बताया कि यह अवधि पूर्ण होने पर उसे शुक्रवार को फिर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन का और रिमाण्ड लिया गया है। जबकि तस्करी में शामिल मूंजासर में नया बेरा निवासी बंशीलाल विश्नोई व पप्पुराम विश्नोई अभी तक पकड़ में नहीं आए हैं।
Published on:
12 May 2018 10:21 am
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