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सेना की डाक खोलकर वाट्सएप से भेजता रहा सूचना, आइएसआइ के हनीट्रेप में फंसा डाककर्मी

- जयपुर में रेल डाक सेवा में है कार्यरत, 3 साल पहले ही लगी थी नौकरी- मूल रूप से जोधपुर के खेड़ापा का रहने वाला- मिलिट्री इंटेलीजेंस और स्टेट इंटेलीजेंस की संयुक्त कार्रवाई

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सेना की डाक खोलकर वाट्सएप से भेजता रहा सूचना, आइएसआइ के हनीट्रेप में फंसा डाककर्मी

सेना की डाक खोलकर वाट्सएप से भेजता रहा सूचना, आइएसआइ के हनीट्रेप में फंसा डाककर्मी

जोधपुर. पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आइएसआई के हनी ट्रैप में इस बार एक डाक कर्मी फंस गया। जयपुर स्थित रेल डाक सेवा (आरएमएस) में कार्यरत डाक कर्मी सेना की सामरिक महत्व की गुप्त डाक को खोल कर उसकी फोटो खींच वाट्सएप के जरिए महिला को भेजता रहा। इससे भी आगे बढक़र उसने अपने स्वयं के नाम से रजिस्टर्ड एक मोबाइल सिम और उसके वाट्सएप नंबर व ओटीपी महिला को शेयर कर दिए ताकि पाकिस्तानी महिला अन्य लोगों के साथ भारतीय नंबर चैट कर सके और किसी को शक नहीं हो। डाककर्मी को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी 3 साल पहले ही नौकरी लगी थी। इस कार्रवाई को सेना की दक्षिणी कमान की मिलिट्री इंटेलिजेंस और राज्य इंटेलिजेंस ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।

जयपुर स्थित आरएमएस में कार्यरत भरत बावरी (२७) मूल रूप से जोधपुर के खेड़ापा गांव का रहने वाला है। उसका कार्य डाक की छंटनी करना था। भरत को चार-पांच महीने पहले फेसबुक मैसेंजर के जरिए एक महिला का मैसेज मिला था जिसके बाद भरत ने उस महिला से व्हाट्सएप के जरिए बातचीत करना शुरू कर दिया। महिला ने उसको स्वयं पोर्ट ब्लेयर में डॉक्टर की पढ़ाई करना बताया और जयपुर में स्वयं के किसी रिश्तेदार के आर्मी में होने की जानकारी दी। इससे भरत झांसे में आ गया और महिला को आरएमएस में आने वाली सेना की डाक की तस्वीरें खींच कर वाट्सएप से भेजने लगा। कुछ दिनों बाद वह लिफाफे खोलकर उसमें रखे पत्रों की भी फोटो खींचकर वाट्सएप से भेजनी शुरू कर दी। इससे सेना की कई सामरिक महत्व की सूचनाएं दुश्मन देश तक पहुंच गई। भरत को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।