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वैदिक परंपरा से तैयार कर रहे हैं पूजन सामग्री

जोधपुर के युवा ने हाथों से बेहतरीन हर्बल धूपबत्ती बनाई है। यह अगरबत्ती गाय के गोबर से बने होने के साथ-साथ केमिकल फ्री भी हैं

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सूर्यनगरी में घी, गंगाजल ओर गाय के गोबर से बनी जड़ी-बूटियों युक्त प्रोडक्ट की जिलो ओर शहर में डिमांड बढ़ रही है। ये प्रोडक्ट लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। इसी में जोधपुर के युवा ने हाथों से बेहतरीन हर्बल धूपबत्ती बनाई है। यह अगरबत्ती गाय के गोबर से बने होने के साथ-साथ केमिकल फ्री भी हैं, जिसके कारण इको-फ्रेंडली उत्पाद को लोग पसंद कर रहे हैं।

एमबीए एचआर अभिमन्यु ने बताया कि यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का कारण बनते हैं। इस धूपबत्ती में मिलाए गए गोबर, घी व गंगाजल के जलने से ऑक्सीजन उत्पन होती है।
हिंदू धर्म में बांस की लकड़ी जलाना अशुभ माना गया है। इसलिए यह अगरबत्ती लोगों को पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बने देशी शुद्ध उत्पादों का उपयोग कर हम पर्यावरण को बचाना हैं।

खासियत और समय
इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल और आर्टिफिशल फ़्रीक्वेंस काम में नहीं लिया गया है। यह अगरबत्ती वैदिक सामग्री से बनाई हुई है। हैंडमेड से बनी धूपबत्ती को कई घंटे की कड़ी मेहनत के बाद इसको बने में गोबर, जटामांसी, लौंग, कपूर, इलाइची, पुष्प, घी, गंगाजल, गो मूत्र, तेज़ पत्ता, नारिलय, हेल्दी, शतावरी से तैयार करके बनाया जाता है। पाँच घंटे में 200 आइटम तैयार होते हैं।