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Fraud by fake Major : सेना का मेजर बन नौकरी लगाने का झांसा, 25 लाख रुपए ऐंठे्

- न नौकरी लगाई और न ही रुपए लौटाए, पीडि़त ने ली पुलिस की शरण

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Fraud by fake Major : सेना का मेजर बन नौकरी लगाने का झांसा, 25 लाख रुपए ऐंठे्

Fraud by fake Major : सेना का मेजर बन नौकरी लगाने का झांसा, 25 लाख रुपए ऐंठे्

जोधपुर।
सेना में मेजर (Fake army Major) बताने वाले एक व्यक्ति ने केन्द्र व राज्य के सरकारी महकमों में जान-पहचान होने और सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा (job scam : 25 Lakhs Rs cheated) देकर सरदारपुरा में एक व्यक्ति से 25 लाख रुपए (25 Lakh Rs fraud on Job scam) ऐंठ लिए। नौकरी न लगने पर आरोपियों ने राशि लौटाने का भरोसा दिलाया, लेकिन फिर मोबाइल बंद कर गायब हो गए। सरदारपुरा थाने (Police station Sardarpura) में दो भाइयों सहित चार जनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया।
पुलिस के अनुसार सरदारपुरा सी रोड निवासी बबलूदास पुत्र सीताराम ने कोर्ट में पेश इस्तगासे के आधार पर मूलत: मेड़ता सिटी में गागुड़ा हाल फलोदी निवासी महावीर पुत्र सुगनाराम शर्मा, उसके भाई रामेश्वर व लक्ष्मण और जयपुर में शिव शक्ति सिटी निवासी अरविंद पुत्र मानसिंह सोडावत के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
आरोप है कि 15 जुलाई 2020 को उसका सम्पर्क महावीर शर्मा से हुआ था। उसने खुद को सेना में मेजर बताया था। उसने सेना में 5 साल के लिए एसयूवी व लग्जरी कारें किराए पर लगाने और प्रत्येक कार से 80 हजार रुपए आय होने की जानकारी दी। उसने सैन्य वर्दी पहनी अपनी कई फोटो भी उसे दिखाई थी। वह उसे देश के कई शहरों में घूमाने ले गया था। जिससे वह झांसे में आ गया था। उसने अपने मित्र दिनेश, अमृत व ओमप्रकाश की नौकरी लगाने के बारे में बात की थी। आरोपी महावीर ने 25 लाख रुपए मांगे। 21 नवम्बर 2020 को आरोपी राजस्थान सरकार व लाल पट्टी लिखी कार में जोधपुर में सरदारपुरा तारघर के पास आया था, जहां उसे 1.30 लाख रुपए दिए गए थे।
इसके बाद पीडि़त पक्ष ने 26 नवम्बर 2020 को 3 लाख रुपए, 1 दिसम्बर 2020 को 11 लाख रुपए, 3 फरवरी 2021 को एक लाख नब्बे हजार रुपए, 6 फरवरी को 7 लाख रुपए, 18 मार्च को बीस हजार, 13 मई को दो बार में दस-दस हजार और 20 मई को 40 हजार रुपए जमा कराए थे। इस प्रकार उसने 25 लाख रुपए आरोपी को दिए थे। उसने जल्द ही तीनों की नौकरी लगाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक किसी की भी नौकरी नहीं लगा पाया।
जयपुर में दो भूखण्ड खरीदे
आरोपी ने पीडि़त को अवगत कराया कि उसने जो 25 लाख रुपए दिए थे। उससे जयपुर में दो भूखण्ड खरीदे हैं। इनकी रजिस्ट्री जोधपुर के उप पंजीयक कार्यालय-तृतीय होने की जानकारी दी गई थी।
राशि लौटाने का एग्रीमेंट कर गायब हुए
नौकरी न लगने पर पीडि़त पक्ष ने आरोपी से सम्पर्क किया था। उसे राशि लौटाने का भरोसा दिलाया गया था। फिर महावीर व लक्ष्मण जोधपुर में एम्स के पास मिले तो राशि न लौटाने का उलाहना दिया गया था। कानूनी कार्रवाई न करने का आग्रह कर माता का थान में परिचित के घर बुलाया था, जहां आरोपी, उसके पिता व अन्य ने राशि लौटाने का एग्रीमेंट भी किया था, लेकिन फिर मोबाइल बंद कर दिए गए थे।