24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कैदियों की हरकतों से उद्योगशाला में उत्पादन प्रभावित

- जोधपुर सेन्ट्रल जेल- शरीर से आपत्तिजनक सामग्री निकलने पर उद्योगशाला में कैदियों को भेजने से रोका- अति आवश्यक उत्पादन में लगे कैदी ही जा रहे उद्योगशाला

less than 1 minute read
Google source verification
कैदियों की हरकतों से उद्योगशाला में उत्पादन प्रभावित

कैदियों की हरकतों से उद्योगशाला में उत्पादन प्रभावित

जोधपुर.
जोधपुर सेन्ट्रल जेल में कैदियों के शरीर में से निषिद्ध सामग्री मिलने के दो मामले पकड़ में आने के बाद से जेल प्रशासन सकते में है। एक तरफ जेल में बंदी व कैदियों की जांच में सख्ती शुरू कर दी गई है, वहीं दूसरी ओर उद्योगशाला में भेजे जाने वाले कैदियों को भी एकबारगी रोक दिया गया है। सिर्फ अति आवश्यक कार्य से जुड़े कैदियों को ही उद्योगशाला भेजा जा रहा है। इससे उद्योगशाला में उत्पादन प्रभावित होने लगा है।

उद्योगशाला व मुख्य जेल में चार सौ मीटर दूरी
जेल परिसर में ही उद्योगशाला यानि जेल फैक्ट्री है। मुख्य जेल से चार सौ मीटर की दूरी है। सश्रम वाले कैदी कड़ी सुरक्षा में सुबह वहां ले जाए जाते हैं और शाम को वापस मुख्य जेल लाए जाते हैं। उद्योगशाला के पास ही बाहर सड़कें निकल रही हैं। जेल प्रशासन को अंदेशा है कि वहां से कुछ आपत्तिजनक सामग्री दीवार से अंदर फेंकी जाती है।

प्रतिदिन ८० से ९० कैदी कर रहे परिश्रम
जेल में सजा काटने वाले कैदियों से ही उद्योगशाला में कार्य करवाया जाता है। कठोर कारावास से दण्डित कैदियों से भी उद्योगशाला में विभिन्न प्रकार के परिश्रम वाले काम करवाए जाते हैं। बदले में कैदियों को पारिश्रमिक भी दिया जाता है। अमूमन ८० से ९० श्रमिक प्रतिदिन उद्योगशाला में परिश्रम करने जाते हैं।

अति आवश्यक कार्य वाले कैदियों से ही करवा रहे श्रम
जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी का कहना है कि नाबालिग से कुकर्म करने वाले देवाराम व बलात्कार के आरोपी रईस उर्फ रशीद उर्फ रोशन के शरीर से मोबाइल और हीटर की स्प्रिंगें मिलने के बाद जांच में सख्ती की गई है। उद्योगशाला में सिर्फ अति आवश्यक कार्य या उत्पादन से जुड़े कैदियों को ही भेजा जा रहा है।


बड़ी खबरें

View All

जोधपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग