
बैंक में आ गए पर खाते में नहीं गए रुपए
फलोदी/आऊ . आम आदमी की बैंक तक पहुंच बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई जन-धन योजना अब कई लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। विशेषकर वे लोग ज्यादा परेशान है जिन्होंने अपने भामाशाह या आधार कार्ड को इसी खाते को लिंक करवा रखा है, क्योंकि इस खाते में सीमित लेनदेन ही हो सकता है, इसके चलते अब उन्हें मिलने वाली पीएम आवास योजना या अन्य कोई ऋण की राशि बैंक तक तो आ रही है मगर खाते में जमा नहीं हो पा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अधिकांश आवेदकों के भामाशाह कार्ड में जन-धन खाते ही लिंक है। जन-धन खातों में १० हजार की निकासी व ५० हजार तक की ही राशि जमा होने की लिमिट है। इस उलझन में फलोदी पंचायत समिति क्षेत्र के ३५ लाभार्थियों को दूसरी किस्त के इंतजार है। योजना के पात्र व्यक्तियों को सरकार द्वारा एक लाख अड़तालीस हजार दौ सौ नब्बे रुपए देना तय किया गया था। ग्राम पंचायत आऊ में योजना के पात्र लोगों के आवास की प्रथम किस्त तीस हजार रुपए संबंधित व्यक्तियों के खातों में जमा हो गई, लेकिन वर्ष २०१६-१७ में स्वीकृत हुई द्वितीय किस्त के साठ हजार रुपए आज तक उनके खाते में जमा नहीं हुए। जबकि ऑनलाइन पैसे जमा हो चुके पर खातों में पैसे जमा नहीं हुए। किस्त के अभाव में ये गरीब अपना आवास पूरा नहीं करा पा रहे है।
फलोदी पंचायत समिति में पहले भी यह समस्या आई थी तब इस तरह के करीब १५० लाभार्थियों के खाते बदलने की अनुशंसा की गई थी। जिस पर दिल्ली मुख्यालय से इन खातों में परिवर्तन किया गया तभी किस्त लाभार्थियों के खाते में जमा हो पाई। किसान भी हुए परेशान-
हाल ही में सम्पन्न हुई समर्थन मूल्य खरीद में किसानों ने फसल बेचने के बाद राशि जमा करवाने के लिए जानकारी के अभाव में जन-धन बैंक खाते दे दिए, फिर उनकी फसल की राशि लिमिट से ज्यादा होने के कारण किसानों को काफी परेशानी हुई। उसके बाद किसानों को वापस दूसरे बैंक खाते देने पड़े। (निसं)
इनका कहना है-
प्रधानमंत्री आवास योजना में दूसरी किस्त जमा नहीं होने के कई मामले हैं। जिनमें जन-धन के खातों की लिमिट के चलते राशि लाभार्थी के खाते में जमा नहीं हो पा रही है।
अभिषेक भादू, प्रधान, पंचायत समिति, फलोदी
जन-धन बैंक खाते में १० हजार निकासी व ४९ हजार जमा करवाने की लिमिट है। इसमें लिमिट बढ़ाने को लेकर कोई भी व्यवस्था नहीं है तथा न हीं इस प्रोडक्ट को कन्वर्ट किया जा सकता है। ग्राहक अपनी आवश्यकतानुसार दूसरा खाता खुलवाएं।
अरविन्द सांखला, प्रबंधक, एसबीआई, नई सडक़ शाखा, फलोदी
स्वीकृत ऋण के चलते साहूकारों से कर्ज लेकर मकान तो पूरा बनवा लिया है, लेकिन दूसरी किस्त अभी तक नहीं आई। अब कर्जदार रोजाना पैसों के लिए तंग कर रहे है।
समरखातू, प्र.मं.आवास में पात्र महिला।
हमने शून्य बैंलेंस की लिमिट बढ़ा कर नए खाते खुलवा लिए। किसी तरह जुगाड़ कर मकान का काम पूरा होने की कगार तक पहुंचा दिया। बावजूद उसके किस्त खाते में नहीं जमा हुई।
कमला भील, प्र.मं.आवास में पात्र महिला
हमने विकास अधिकारी के निर्देश पर संबंधित व्यक्तियों के शून्य बैलेंस खातों की लिमिट बढाने व जनधन खाते बन्द कर अन्य खाते खुलवाने की प्रक्रिया चार माह पूर्व ही पूरी कर उसकी सूची भी तीन चार बार पंचायत समिति कार्यालय में व डीआरडी में भिजवा दी लेकिन अभी तक उनके खातों में पैसे जमा नहीं हुए।
मोहनराम बाम्भू ,टेग अधिकारी, आऊ।
Published on:
04 Jul 2018 02:37 am
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
