जोधपुर में 20 जनवरी, 1941 को जन्मे प्रो. जहूर खां मेहर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। राजस्थानी संस्कृति रा चितराम, धर मर्जला धर कोसा, जयमल मेड़तिया, अर्जुन आळी आंख, सांस्कृतिक ऐतिहासिक राजस्थान, लक्ष्मीकुमारी चंूडावत ग्रंथावली, आजादी आंदोलन अर राजस्थान, टाळवा निबंध. ऊजळ पख, चेतावनी रा चंूगटिया (राजस्थानी, संपादित), अमीना (राजस्थानी, अनूदित) उनकी ख्यात पुस्तकें
कुछ अरसा पहले उनहें कमला गोयनका फाउंडेशन के सारस्वत सम्मान से नवाजा गया था। वहीं साहित्यकार मंच की ओर से इतिहास पुरोधा प्रो.जहूर खं मेहर का अभिनन्दन समारोह 12 मई को आयोजित किया गया था। उन्हें राजस्थानी भाषा साहित्य व संस्कृति अकादमी बीकानेर की ओर से समग्र साहित्य पर प्रथम पूनमचंद विश्नोई लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इस पुरस्कार के तहत उन्हें एक लाख रुपए, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिह्न, शॉल व श्रीफल अर्पित किए गए थे। प्रो. मेहर को साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें महेन्द्र जालोदिया पुरस्कार, सर्वोत्तम लेखन पुरस्कार, बाणभट्ट सम्मान, महाराणा कु भा पुरस्कार, आगीवाण सम्मान, विशिष्ट राजस्थानी साहित्यकार सम्मान, मारवाड़ रत्न सम्मान और सांस्कृतिक विरासत रा समवाहक सम्मान शामिल हैं। वे महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं।