
जोधपुर। तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले अशोक गहलोत एक बार फिर अपने सबसे मजबूत गढ़ सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में उतरे। गहलोत सोमवार को जनता दरबार में धोक लगाने जोधपुर पहुंचे। गजानंद का आशीर्वाद ले गहलोत दिनभर शहर की गलियों में लोगों से मिले। किसी को गले लगाया तो किसी के आगे नतमस्तक हो जीत का आशीर्वाद लिया, तो कई लोगों के उलाहने भी सुने। दरअसल ऐसा पहली बार है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत टिकट मिलते ही सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर निकल पड़े। दरअसल, गहलोत विपक्ष को ये सियासी मैसेज देना चाहते हैं कि चुनाव में उनके सामने कोई भी आए वे पूरी तरह से तैयार हैं।
सोमवार को गहलोत दो दिवसीय चुनावी जनसंपर्क अभियान के तहत जोधपुर पहुंचे। पहले ही दिन गहलोत ने शहर के 14 वार्डों में जनता से मिल राजनीतिक बिसात बिछा दी। सांसी बस्ती से शुरू हुआ उनका जनसंपर्क अभियान देर शाम सावित्री फुले छात्रावास के सामने खत्म हुआ। एक दिन में ही गहलोत ने लोगों से मिल जोधपुर की जनता की नब्ज टटोली और जीत का आशीर्वाद लिया। साथ ही उन्होंने सरदारपुरा विधानसभा सीट की भोळावण भी हर मीटिंग में दी।
ये टिपुड़े मुझे जीताएंगे
सांसी बस्ती में नुक्कड़ सभा में गहलोत ने वहां मौजूद बच्चों की तरफ इशारा करते हुए कहा, ये टिपुड़े मुझे चुनाव जिताएंगे। ये घर-घर प्रचार करेंगे तो कांग्रेस जीतेगी। इस दौरान वे शहर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी मनीषा पंवार के घर पहुंचे। पंवार ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया।
देर रात सर्किट हाउस में सीएम से मिले नेता
सर्किट हाउस में देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलते रहे। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो देर रात को पोकरण के विधायक साले मोहम्मद, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन और कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह जसोल मुख्यमंत्री से मिले। इधर, देर रात तक कई कार्यकर्ता सर्किट हाउस के बाहर ही बैठे नजर आए।
महिलाओं ने दिया उलाहना, नहीं मिले मोबाइल
राई का बाग चौक में हुई बैठक के दौरान जब अशोक गहलोत ने वहां मौजूद महिलाओं से पूछा, मोबाइल मिले या नहीं। तो महिलाओं ने हाथ खड़े करके कहा, नहीं। कई बार नगर निगम के चक्कर काट लिए, लेकिन अभी तक मोबाइल नहीं मिले है। पृथ्वीपुरा में चुनावी बैठक के दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को सरदारपुरा सीट की भोळावण दी।
हमारी बात नहीं सुनी...
नेहरू कॉलोनी में दो महिलाएं अपनी व्यथा मुख्यमंत्री को बताने की खड़ी थी, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। स्वाति ङ्क्षसह और मैना ने बताया कि हम पेंशन की मांग को लेकर खड़ी थीं, लेकिन हमारी बात सुने बिना ही वे आगे बढ़ गए। वहीं उम्मेद स्टेडियम के सामने हुई बैठक के दौरान एक बुजुर्ग महिला नफीसा बानो स्टेज पर पहुंच गईं। उन्होंने हाथ जोडक़र कहा, अशोक गहलोत मेरा बेटा है। उसने हम गरीब लोगों को मोबाइल के साथ ही कई फायदे दिए हैं।
हर बैठक में दी सीट को संभालने की भोळावण
उदयमंदिर आसन, नागौरी गेट, उम्मेद चौक, बागर चौक और सावित्री फुले छात्रावास में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सरदारपुरा विधानसभा सीट को संभालने की भोळावण दी। वहीं नई सड़क पर नुकक्ड़ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई हम सब भाई-भाई हैं। हमें एकजुट होकर रहना है। आज मैं बतौर सरदारपुरा विधानसभा का प्रत्याशी बनकर आया हूं। मैं तो अन्य सीटों पर जाऊंगा। आप सभी को इस सीट से कांग्रेस जिताना है।
Published on:
24 Oct 2023 07:49 am
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