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Rajasthan Election 2023: चुनाव से पहले मुख्यमंत्री गहलोत को गजेन्द्रसिंह शेखावत ने दिया खुला चैलेंज

Rajasthan Election 2023: एक संजीवनी घोटाला व दूसरा ईआरसीपी, इन दो विषय पर चुनौती देता हूं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कि वह अकेले तो बहस करना स्वीकार नहीं करेंगे। वे चाहें तो अपने सबसे सक्षम मंत्री व सचिव को लेकर आए। राजस्थान पत्रिका खुले मंच पर मैं बहस करने को तैयार हूं।

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एक संजीवनी घोटाला व दूसरा ईआरसीपी, इन दो विषय पर चुनौती देता हूं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कि वह अकेले तो बहस करना स्वीकार नहीं करेंगे। वे चाहें तो अपने सबसे सक्षम मंत्री व सचिव को लेकर आए। राजस्थान पत्रिका खुले मंच पर मैं बहस करने को तैयार हूं। यह बात केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने कही। शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका जोधपुर के जनमंच पर बातचीत में ईआरसीपी, ईडी को लेकर लग रहे आरोप और उनके चुनाव नहीं लड़ने जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को लेकर सिर्फ बयानबाजी की जा रही है।

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सीएम अपने राजनीतिक हित के लिए साढ़े तीन करोड़ लोगों के हित को मारना चाहते हैं, जिसे मैं पाप के अतिरिक्त कुछ नहीं मानता। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की जरूरत नहीं है। पीएमकेएसवाय में इसको क्वालीफाई करवाना है। पूरे देश में ऐसी 106 परियोजनाएं घोषित की है। इस योजना में भी 60 प्रतिशत पैसा मिलेगा, वह काम नहीं कर रहे। लगातार जब बयानबाजी हुई तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की तो उन्होंने कहा कि एक जगह पर ठहरना नहीं चाहिए, नए प्रयास करो। 4 आईआईटी के साथ बातचीत कर राजस्थान व मध्यप्रदेश के बीच नदी जोड़ो परियोजना से अप्रूव करवाई। प्रायोरिटी लिंक ईआरसीपी पीकेसी को लाए हैं। 40 हजार करोड़ की लागत से 4 हजार एमसीएफटी पानी मिलता, लेकिन इसके बाद सीएम ने कहा कि खुद अपने स्तर पर ईआरसीपी को पूरा करेंगे, लेकिन इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति तक नहीं ली और सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिले हैं।

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मैंने कभी सीएम के लिए दावा नहीं किया
सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं दावेदार तो तब होता जब दावा करता, मैं यह सपने में भी नहीं सोच सकता। हम जिस विचारधारा से आते हैं, हमारी भूमिका पार्लियामेंट्री बोर्ड व वरिष्ठ नेता तय करते हैं। उनके चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने पर बोले कि अलग-अलग जगह पर पत्रकारों ने यह सवाल पूछे। क्योंकि सभी 200 सीटों की स्थिति क्लीयर हो गई तो प्रश्न अभी यही है। मेरा उत्तर पहले भी यह था और अब भी यह है। भाजपा में कौन किस पद पर काम करेगा, यह हाईकमान तय करता है।

ईडी की कन्वीक्शन रेट 96.4 रेट
चुनाव में ईडी की रेड पर बोले कि प्रदेश में जब मामला दर्ज होता है और पैसों का लेन-देन होता है तो ईडी कार्रवाई करती है। ईडी की कन्वीक्शन रेट 96.4 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत अदावत पर बोले कि पहले संबंध अच्छे थे, लेकिन जब लोकसभा चुनाव में उनका पुत्र हारा तो अदावत बढ़ गई।