Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने चूरू जिले के तारानगर, राजसमंद के देवगढ़ और चित्तौड़गढ़ जिले की बड़ी सादड़ी नगर पालिका में प्रस्तावित वार्ड पुनर्सीमांकन प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है। सभी याचिकाओं को 21 जुलाई 2025 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ ने प्राथमिक रूप से माना कि जब तक नई जनगणना नहीं होती और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 3(1) के तहत निर्धारित कोई परिस्थिति उत्पन्न नहीं होती, तब तक वार्डों का पुनर्निर्धारण वैधानिक रूप से उचित नहीं माना जा सकता। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आरएस चौधरी, मनीष पटेल व अभिनव जैन ने तर्क दिया कि वर्ष 2019 में हुए निकाय चुनावों के बाद से न तो किसी नए गांव को नगरपालिका क्षेत्र में जोड़ा गया है और न ही कोई नया जनगणना आंकड़ा उपलब्ध है। ऐसे में वार्डों का पुन: सीमांकन करना कानून की अवहेलना है। उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक निर्णय का हवाला भी दिया, जिसमें बिना जनगणना या क्षेत्रीय बदलाव के हुए परिसीमन को अवैध ठहराया गया था।
राज्य सरकार की ओर से आपत्ति जताते हुए कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 243 जेड जी और अधिनियम की धारा 30 के तहत चुनाव प्रक्रिया में कोर्ट का हस्तक्षेप वर्जित है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि अभी तक अंतिम अधिसूचना जारी नहीं हुई है और याचिकाएं वार्ड सीमांकन की प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण को चुनौती देती हैं, अत: अनुच्छेद 243 जेड जी के तहत कोर्ट की शक्तियों पर कोई रोक नहीं लगती।
Published on:
12 Jun 2025 11:05 am