पहले भी तस्करों का सेफ रूट रहा है
एमडी से पहले स्मैक का नशा मारवाड़ में पनपा तो इसी रास्ते से आता-जाता था। इससे पहले गुजरात में जब शराबबंदी हुई तो पंजाब से राजस्थान जाने वाली तस्करी की शराब भी इसी रास्ते सप्लाई होती थी। हालांकि इस रास्ते पर पुलिस की कार्रवाई भी हुई, लेकिन यहां तस्करों का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि लम्बे समय तक सेफ रूट रहा है।पैर जमाने में मदद की
जिस प्रकार से बाहर से आकर कोई उद्योग करने के लिए फैक्ट्री किराये पर लेते हैं। हाल ही में एमडी ड्रग बनाने वाले तस्कर भी उसी तर्ज पर मारवाड़ में अपने ठिकाने किराये पर ले रहे हैं। स्थानीय लोग मोटी कमाई के लालच में इनको जगह दे रहे हैं। यहां के लोगों को एमडी ड्रग्स बनाने का कोई अनुभव नहीं है, लेकिन वे नए ग्राहक बनाकर इन तस्करों को पैर जमाने में मदद करते हैं।मादक पदार्थ से संबंधित क्षेत्रों में पुलिस को सक्रिय किया गया है। सूचनाएं संकलित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
- राजेश यादव, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) जोधपुर
मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई के लिए योजना बनाई गई है। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जल्द कार्रवाई की जाएगी।
आलोक श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जोधपुर
मारवाड़ के लिए काफी चिंता का विषय है। पुलिस व एनसीबी ही नहीं सभी सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। आमजन को भी ड्रग्स पेडलर्स का सामाजिक स्तर पर बहिष्कार करना चाहिए।
घनश्याम सोनी, क्षेत्रीय उप निदेशक, एनसीबी, जोधपुर