
Raksha Bandhan 2024 : रक्षा बंधन से पहले भाइयों को आठ माह पहले बिछड़ी बहन मिलने पर खुशी से आंखों से आंसू छलक पड़े। मंडोर स्थित राजकीय बालिका गृह में निवासरत एक मूक बधिर बालिका के परिजनों का पता कार्मिकों ने प्रयास करके लगाया। जनवरी 2024 में जालोर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को मिली बालिका को बाल कल्याण समिति जालोर के आदेश पर बालिका गृह जोधपुर में रखा गया।
यहां बालिका की गहन काउंसलिंग की गई, लेकिन वो बोल व सुन नहीं पाने से घरवालों का पता नहीं बता सकी। बालिका के दस्तावेज नहीं होने पर गृह की ऋतु कच्छवाहा व सिम्पल गोयल ने आधार सेवा केंद्र पर बालिका के अंगूठे व अन्य पहचान का सत्यापन करवाया। ऐसे में बालिका का सत्यापन मुरादाबाद उत्तर प्रदेश से हुआ। बालिका गृह की परिवीक्षा अधिकारी रूकमणी गढवाल ने बताया कि सहायक निदेशक डॉ. बीएल सारस्वत के निर्देशन में बालिका के आधार कार्ड से शहर का पता चलने पर जालोर बाल कल्याण समिति को सूचित किया। जिस पर समिति ने मुरादाबाद के बाल कल्याण अधिकारी से संपर्क किया और घर का पूरा पता लग गया।
ऐसे में परिजनों को वीडियो कॉल पर बालिका को दिखाने पर उनमें खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं लंबे समय बाद बालिका ने अपने परिजनों को देखा तो खुशी से आंखों से आंसू बह गए। संपूर्ण कानूनी कार्रवाई करके परिजन जोधपुर के बालिका गृह पहुंचे और बालिका को अपने साथ घर लेकर गए। बालिका के पिता चुन्नीलाल ने बताया कि जब बेटी घर से बिना बताएं निकली तब संबंधित थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई, लेकिन इसके बारे में जानकारी नहीं मिली। अब बालिका हमारे सामने आई तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।
बालिका गृह में प्रवेशित मूक बधिर बालिका के परिजनों से संपर्क करने के प्रयास प्रवेश होने के साथ ही शुरू कर दिए। अब बालिका के परिजन लेने आए तो खुशी है कि उसे अपने परिजनों का आखिर प्यार मिल गया। यह सफलता विभाग के कार्मिकों के प्रयास से मिली है।
Updated on:
19 Aug 2024 09:08 am
Published on:
19 Aug 2024 09:04 am
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