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Hear Transplant : सेवानिवृत्त फौजी ने जान देने से पहले हार्ट देकर कांस्टेबल को दी नई जिंदगी

- पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के हेड कांस्टेबल के शरीर में धड़क रहा फौजी का हार्ट- ऑपरेशन के लिए साथी सिपाहियों ने एकत्रित किए थे 19 लाख रुपए

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सेवानिवृत्त फौजी ने जान देने से पहले हार्ट देकर कांस्टेबल को दी नई जिंदगी

सेवानिवृत्त फौजी ने जान देने से पहले हार्ट देकर कांस्टेबल को दी नई जिंदगी

जोधपुर।
पिछले काफी महीनों से हार्ट की गंभीर बीमारी से जूझ रहे पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर (Police commissionerate Jodhpur) के हेड कांस्टेबल (Head Constable's heart transplant to X army man's heart) दिनेश कुमार मीना के शरीर में अब सेवानिवृत्त दिवंगत फौजी का हार्ट धड़क रहा है। जयपुर के अस्पताल में हेड कांस्टेबल के हार्ट से सेवानिवृत्त फौजी का हार्ट ट्रांसप्लांट (Hear Transplant) किया गया। हेड कांस्टेबल दिनेश (Head Constable dinesh meena's heart transplant) के महंगे इलाज व जीवन रक्षा के लिए साथी सिपाहियों ने 19 लाख रुपए एकत्रित किए थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार हेड कांस्टेबल दिनेश कुमार मीना तीन साल पहले बीमार हुए थे। जांच कराने पर हार्ट में इंफेक्शन होने का पता लगा था। इलाज शुरू करने पर तबीयत में कुछ सुधार भी हुआ था, लेकिन कुछ महीने पहले हार्ट में फिर तकलीफ शुरू हो गई। दुबारा जांच कराने पर हार्ट में इंफेक्शन अधिक फैलने का पता लगा था।
अहमदाबाद में जांच करवाने पर चिकित्सकों ने हार्ट ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता जताई थी। तब से वो काफी बीमार चल रहे थे।
इस बीच, सीकर निवासी सेवानिवृत्त फौजी रिछपालसिंह के ब्रेन डेड होने पर हार्ट डोनेट करने का निर्णय किया गया था। उनका हार्ट हेड कांस्टेबल दिनेश कुमार को देने का निर्णय किया गया। जयपुर के निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद हेड कांस्टेबल दिनेश कुमार मीना का हार्ट सेवानिवृत्त फौजी रिछपालसिंह के हार्ट से ट्रांसप्लांट किया गया। जो सफल रहा। फिलहाल हेड कांस्टेबल को वेंटीलेटर पर रखा गया है। चार-पांच दिन बाद उन्हें परिजन से मिलने दिया जाएगा।
व्हॉट्सऐप पर मुहिम से एकत्रित किए थे 19 लाख रुपए
चिकित्सकों ने दिनेश के स्वस्थ्य होने के लिए एकमात्र हार्ट ट्रांसप्लांट ही उपाय बताया था। जिसमें तीस से पैंतीस लाख रुपए खर्च होना था, लेकिन हेड कांस्टेबल ऐसी िस्थति में नहीं था कि यह खर्च वहन कर सके। ऐसे में उसके साथी सिपाहियों ने इलाज के लिए चंदा एकत्रित करने का निर्णय किया था। व्हॉट्सऐप पर मुहिम चलाकर करीब 18-19 लाख रुपए जमा किए थे।


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