- रीको ने इकाइयों को एनओसी, लैंड यूज़ परिवर्तन, सब डिवीज़न पर लगाई रोक - सुप्रीम कोर्ट ने रीको के अधिकारों पर लगाया प्रश्न चिन्ह- जोधपुर की 500 से अधिक इकाइयां होंगी प्रभावित
जोधपुर
।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रीको की ओर से ट्रांसफर्ड एरिया में उद्यमियों को दी जा रही बैंक एनओसी, सब डिवीजन, हस्तांतरण, लैंड यूज परिवर्तन आदि पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद रीको ने रीको ने हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों में सभी प्रकार की परमिशन जारी करने पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है । इससे राज्य सरकार के उद्योग विभाग की ओर से वर्ष 1980 में रीको को प्रदेशभर में हस्तांतरित औद्योगिक (ट्रांसफर्ड एरिया) क्षेत्रों में संचालित औद्योगिक इकाइयों पर रीको को दखलंदाजी नहीं चलेगी।
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यह था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार विरूद्ध अराफात के मामले में 24 मार्च को दिए निर्णय में रीको को हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों में रीको के अधिकारों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 1979 में जारी आदेशों में रीको को इन औद्योगिक क्षेत्रों को केवल मरम्मत कार्य /देखभाल करने के लिए ही कहा गया था। रीको को किसी भी प्रकार की एनओसी, लैंड यूज़ परिवर्तन, सबडिवीजन, हस्तांतरण आदि की परमिशन देने का अधिकार नहीं था।
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जोधपुर के करोड़ों के प्रोजेक्ट पर पड़ रही मार
रीको की ओर से इस रोक के बाद जोधपुर के हैवी इंडस्टि्रयल, लाइट इंडस्टि्रयल एरिया आदि अन्य ट्रांसफर्ड इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 500 से अधिक इकाइयां प्रभावित है, वहीं उद्यमियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उद्यमियों को बैंक एनओसी नहीं मिलने के कारण उनको इंडस्ट्री लोन नहीं मिल पा रहा है, उनके प्रोजेक्ट बन्द होने के कगार पर है। सरकार की सब्सिडी का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं करोड़ों के प्रोजेक्ट पर मार पड़ रही है।
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इस मामले में विधिक राय लेकर राज्य सरकार से आवश्यक दिशानिर्देश व मार्गदर्शन मांगा जा रहा है।
अनूपकुमार सक्सेना, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक
रीको जोधपुर