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RTO- स्मार्ट नहीं आरटीओ: नाम का पेपरलेस वर्क, नहीं बन रहे ई-आरसी, ई-लाइसेंस

विभाग आवेदकों से वसूल रहा फीस - जनता परेशान, ढीली हो रही जेबें

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जोधपुर

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Amit Dave

Apr 08, 2023

RTO- स्मार्ट नहीं आरटीओ: नाम का पेपरलेस वर्क, नहीं बन रहे ई-आरसी, ई-लाइसेंस

RTO- स्मार्ट नहीं आरटीओ: नाम का पेपरलेस वर्क, नहीं बन रहे ई-आरसी, ई-लाइसेंस

जोधपुर।

एक ओर सरकार ने परिवहन विभाग को स्मार्ट कर प्रदेश में विभाग को पेपरलेस करने की घोषणा की है, इसमें वाहनों के ई-लाइसेंस व ई-आरसी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी जारी होंगे। वहीं दूसरी तरफ आरटीओ में 1 अप्रेल से स्मार्ट कार्ड प्रिंट होना बंद हो गए है और प्रदेश में 1 से 7 अप्रेल तक यानि 7 दिनों में विभाग में आवेदकों से स्मार्ट रजिस्ट्रेशन कार्ड व स्मार्ट लाइसेंस कार्ड की 200 रुपए फीस ली जा रही है और लाइसेंस व आरसी भी जारी नहीं की जा रही है। इस हिसाब से पूरे प्रदेश में इन सात दिनों में लाइसेंस व आरसी आवेदकों से अब लाखों रुपए विभाग वसूल चुका है। इससे जनता परेशान है व विभाग के चक्कर लगा रही है।

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जोधपुर में 4200 लाइसेंस-आरसी अटके

सरकार की ओर से लाइसेंस कार्ड प्रिंटिंग के लिए निजी क्षेत्र की कम्पनी रोजमार्टा को ठेका दिया हुआ है। कम्पनी की ओर से 1 अप्रेल से कार्ड की प्रिंटिंग बंद हो गई है। औसतन आरटीओ में प्रति दिन करीब 250-300 लाइसेंस और करीब 300 ही रजिस्ट्रेशन आरसी प्रिंट होते हैं। इस लिहाज से एक सप्ताह में 2100-2100 ड्राइविंग लाइसेंस और 21 रजिस्ट्रेशन आरसी अटकी पड़ी है।

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तीनों कैटेगिरी के लाइसेंस पेंडिंग

विभाग में केवल ड्राइविंग लाइसेंस के मामले ही पेंडिंग नहीं चल रहे। बल्कि ट्रांसपोर्ट व नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल के मामले भी लंबित चल रहे है।

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ट्रायल के लिए ट्रेक भी बीमार

जहां विभाग में लोगों को लाइसेंस व आरसी जारी करने के काम में देरी हो रही है। वहीं, विभाग में बना ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रेक भी बीमार है और नाकारा साबित हुआ है। विभाग की ओर से लाखों रुपए खर्च कर इसे ऑटोमेटेड का रूप दे दिया गया हो, जबकि तकनीकी खामियों की वजह से अभी भी यह मानव संचालित ट्रायल ट्रेक ही है।

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विभाग की ओर से लाइसेंस व आरटी के पेपरलेस करने की प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द ही लागू करने का प्रयास है।

आरएन बडगुर्जर, प्रादेशिक परिहवन अधिकारी

जोधपुर

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विभागीय अधिकारियों की उदासीनता की वजह से पहले मैनुअल कार्ड भी देरी से जारी होते थे। अगर अब ई-कार्ड जारी होंगे, तो विभाग को जनता से ली गई फीस लौटानी चाहिए।

सैयद ताहिर अली, अध्यक्ष

सूर्यनगरी यातायात सलाहकार समिति

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मेरी बेटी व भतीजी के लाइसेंस के लिए स्मार्ट कार्ड फीस व सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली। ड्राइविंग टेस्ट भी दिया, लेकिन अभी तक कार्ड नहीं मिला। अधिकारी गैर जिम्मेदाराना जवाब देते है।

हाकम खान पठान, आवेदक

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