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वैज्ञानिक तरीके से तैयार कर रहे ‘ऑक्सीजन हब

  -भूतेश्वर वन क्षेत्र में जापानी तकनीक से लगा रहे 1500 पौधे -वन्यजीवों का प्राकृतवास बचाने युवाओं की अनूठी पहल एक परिवार एक पेड़

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वैज्ञानिक तरीके से तैयार कर रहे 'ऑक्सीजन हब

वैज्ञानिक तरीके से तैयार कर रहे 'ऑक्सीजन हब

जोधपुर. शहर के आसपास वन क्षेत्र की पहाडिय़ों पर जहां एक तरफ अंधाधुंध अतिक्रमण कर सीमेंट व कंक्रीट का जाल बिछाया जा रहा है तो दूसरी ओर शहर के चंद जागरूक पर्यावरण प्रेमी युवकों की टीम ने नवाचार कर वन्यजीवों का प्राकृतवास बचाने के लिए 1500 पौधे लगाने का काम शुरू किया है।

राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान अभियान से प्रेरित युवाओं की टीम जापानी तकनीक से भूतेश्वर वन क्षेत्र के कुमटियों की गाळ के एक हिस्से में वैज्ञानिक तरीके से ऑक्सीजन हब तैयार कर रही है। इसमें नीम, पीपल जैसे अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जन करने वाले पेड़-पौधे लगाने की तैयारियां पिछले कई दिनों से की जा रही हैं। टीम के सदस्य विवेक अग्रवाल ने बताया कि रोपित किए जाने वाले पौधे जल्द पेड़ का आकार ले सकें, इसके लिए पौधारोपण के समय जीवा अमृत भी डाला जाएगा। पौधरोपण स्थल पर प्रत्येक पौधे के लिए 6 फीट का गढ्ढा खोदकर जापानी तकनीक अकीरा मियावाकी के अनुरूप एक हजार छायादार पौधे और 500 फलदार व औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसमें पन्द्रह ट्रैक्टर गोबर खाद, पांच सौ किलो गायों का भूसा प्रयुक्त किया जा रहा है ताकि जमीन के नीचे नमी रह सके और पौधे 10 गुना तेजी से बढ़ सके।

पहले भी तैयार कर चुके उपवन
अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार से क्षेत्र में 300 शीशम, 300 करंज, 50 गुलमोहर, 50 बिल्वपत्र, 200 नीम, 200 कचनार, 20 गुलर, अनार 10, अमरूद 5, ईमली 60, सीताफल 5, जामुन 60, शहतूत 30, रातरानी 5, गुड़हल 10, क्रेशिया श्यामा 5, सफेद आक आदि प्रजातियों के 1500 पौधे लगाए जाएंगे। टीम के सदस्य राहुल, लक्ष्मण लूणावत, आनंद राठी व हरीश डाबी के प्रयास के पूर्व में भी क्षेत्र के अजनेश्वर आश्रम की पहाड़ी को समतल बनाकर एक उपवन तैयार किया था। इसमें कई लोग प्रात:कालीन भ्रमण के लिए आते हैं।