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सात दिवसीय पाण्डुलिपि पठन कार्यशाला आज से

पाण्डुलिपि विशेषज्ञ देंगे मार्गदर्शन

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सात दिवसीय पाण्डुलिपि पठन कार्यशाला आज से

सात दिवसीय पाण्डुलिपि पठन कार्यशाला आज से

जोधपुर. भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के सौजन्य एवं राजस्थानी शोध संस्थान, चौपासनी, जोधपुर के तत्वावधान में सात दिवसीय 'पाण्डुलिपि पठन एवं संरक्षणÓ कार्यशाला का आयोजन 18 से 24 मार्च तक किया जाएगा। उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. राजेश कुमार एवं अध्यक्षता चौपासनी शिक्षा समिति, जोधपुर के अध्यक्ष सिद्धार्थसिंह रोहट करेंगे। राजस्थानी शोध संस्थान, चौपासनी, जोधपुर के सहायक निदेशक डॉ. विक्रमसिंह भाटी ने बताया कि कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से लगभग 40 शोधार्थी भाग लेंगे। संस्थान के अध्यक्ष चक्रवर्तीसिंह जोजावर ने बताया कि कार्यशाला में पाण्डुलिपि विशेषज्ञ प्रो. वी.के. वशिष्ठ, प्रो. शिवकुमार भनोत, प्रो. मनोहरसिंह राणावत, प्रो. गिरिशनाथ माथुर, प्रो. जमनेश कुमार ओझा, डॉ. सूरज राव, डॉ. जिब्राइल, डॉ. राजेन्द्र कुमार आदि विभिन्न प्रकार की पाण्डुलिपियों की महत्ता और उसके पठन पर महत्वपूर्ण जानकारियां व मार्गदर्शन प्रदान करेंगे । पाण्डुलिपि पठन का अभ्यास एवं उनके संरक्षण के उपायों सहित शोधार्थियों को पाण्डुलिपियों का व्यावहारिक ज्ञान भी कराया जाएगा।