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शिक्षकों की कमी से बिगड़ा शिक्षा का गणित

स्कूलों में शिक्षकों की कमी

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शिक्षकों की कमी से बिगड़ा शिक्षा का गणित

शिक्षकों की कमी से बिगड़ा शिक्षा का गणित

जोधपुर. सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर सरकार भले ही बड़े बड़े दावे करे, लेकिन सच्चाई यह है कि खुद सरकार की अनेदखी के चलते स्कूली शिक्षा का ढांचा चरमराता दिखाई दे रहा है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (बायज ) धुंधाड़ा में 471 विद्यार्थी हैं, जिसमें कक्षा 9 और10 में 120 विद्यार्थी,कक्षा 11वीं और 12वीं में 90 विद्यार्थी अध्यनरत है। विद्यालय में शिक्षकों के 28 पद स्वीकृति है। कला वर्ग के आठ, वाणिज्य वर्ग तीन व्याख्याता पद स्वीकृत है। वर्तमान में वाणिज्य वर्ग के व्यवसाय अध्ययन के ही व्याख्याता हैं। अर्थशास्त्र और लेखाशास्त्र के पद खाली पड़े हैं। आर्टस वर्ग में राजनीति विज्ञान, इतिहास, हिन्दी अनिवार्य के व्याख्याता नहीं है। वहीं अंग्रेजी की महिला व्याख्याता चाइल्ड केयर लीव पर है। कस्बे में एक बालिका राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भी है जो इसी तरह से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर सरकार भले ही बड़े बड़े दावे करे, लेकिन सच्चाई यह है कि खुद सरकार की अनेदखी के चलते स्कूली शिक्षा का ढांचा चरमराता दिखाई दे रहा है।