घुटना प्रत्यारोपण पर शोध, स्ट्रेस फ्रैक्चर प्रबंधन में मिलेगी मदद
डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध महात्मा गांधी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. मुकेश सैनी के दो शोध पत्र विश्व की दो प्रख्यात पबमेड इंडेक्स्ड पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
घुटना प्रत्यारोपण पर शोध, स्ट्रेस फ्रैक्चर प्रबंधन में मिलेगी मदद
डॉ. मुकेश सैनी के शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित जोधपुर. डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध महात्मा गांधी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. मुकेश सैनी के दो शोध पत्र विश्व की दो प्रख्यात पबमेड इंडेक्स्ड पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
डॉ. सैनी के शोध पत्र घुटने के प्रत्यारोपण में नए किनेमैटिक इम्प्लांट के प्रयोग तथा घुटने के आर्थराइटिस एवं स्ट्रेस फ्रैक्चर के इलाज में एक्सटेंशन स्टेम इम्प्लांट के नतीजों पर आधारित थे, जो कि ‘आर्काइव्ज ऑफ ऑर्थोपेडिक एंड ट्रामा सर्जरी’ जर्नल (इम्पैक्ट फैक्टर 3) में प्रकाशित हुए हैं।
स्ट्रेस फ्रैक्चर प्रबंधन इस शोध से घुटने के प्रत्यारोपण ऑपरेशन के नतीजों की सफलता की दर में वृद्धि होने एवं स्ट्रेस फ्रैक्चर के बेहतर प्रबंधन में सहायता मिलेगी। यह शोध कार्य अस्थि रोग विभाग के यूनिट सी प्रभारी प्रो. महेश भाटी की देखरेख एवं सहायक आचार्य डॉ. महेंद्र सिंह के सहयोग से संपन्न हुआ।
एफएनबी योग्यता वाले पहले डॉक्टर गौरतलब है कि डॉ. मुकेश सैनी जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी में एफएनबी योग्यता प्राप्त करने वाले राजस्थान के पहले चिकित्सक हैं। इस उपलब्धि के लिए मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह एवं महात्मा गांधी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. राजश्री बेहरा ने सम्पूर्ण ऑर्थोपेडिक विभाग को बधाई दी। उन्होंने शोध कार्यों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
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