
JNVU student union election: शुरुआत में अमरीकी राष्ट्रपति फिर भारत के राष्ट्रपति की तरह अध्यक्ष चुनते थे छात्र
गजेंद्र सिंह दहिया
जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की स्थापना 1962 में हुई। पहले ही साल केएन भण्डारी अध्यक्ष बने। वर्ष 1970 तक अमरीकी राष्ट्रपति की तर्ज पर चुनाव होते थे। कक्षा प्रतिनिधि मिलकर अध्यक्ष का चुनाव करते थे। इसके लिए अध्यक्ष को कक्षा में विभिन्न मुद्दों पर सीधी डिबेट करनी होती थी। छात्रों के पास पैसा नहीं था। तांगा, साइकिल व पैदल ही घर-घर प्रचार, गली-मौहल्लों में सभाएं, रात को चौपाल पर चर्चा होती थी। वर्ष 1971 में तत्कालीन कुलपति प्रो वीवी जॉन ने भारत के राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर छात्रसंघ चुनाव के विजेता के लिए कुल वैद्य मतों का आधे से अधिक हासिल करना जरुरी कर दिया। इस समय पहली बार अध्यक्ष का सीधा चुनाव शुरू हुआ। बीच में इमरजेंसी व कई अन्य कारणों से चुनाव नहीं हुए। 1989 से 2003 तक लगातार चुनाव हुए। इसके बाद 2009 तक रोक रही। वर्ष 2010 से अब लगातार चुनाव हो रहे हैं।
वर्ष 1962 से 1970 तक अध्यक्ष
केएन भण्डारी, राजेंद्र कुम्भट, चंद्रराज सिंघवी, मघराज कल्ला, शिवदान सिंह भाटी व शंभु सिंह खेतासर (इस समय कक्षा प्रतिनिधि अध्यक्ष चुनते थे।)
पहले सीधे निर्वाचित अध्यक्ष बने जुगल काबरा (वर्ष 1970 से 1988)
जुगल काबरा, महेंद्र सुराणा, पन्नेसिंह, राजकुमार ओझा, सज्जन सिंह रावलोत, मेघराज लोहिया
वर्ष 1989 से 2004 तक क्रमानुसार अध्यक्ष
जालमसिंह रावलोत, कुलवंत सिंह, हरीश चौधरी, गजेंद सिंह शेखावत, शिवराज सिंह राठौड़, रामप्रकाश चौधरी, बाबू सिंह राठौड़, अरुण आचार्य, विनोद भगासरा, गजेंद्र सिंह राठौड़, ओमप्रकाश खदाव, कैलाश बेड़ा, जितेंद्र सिंह राठौड़, ईश्वर सिंह बालावत, जयनारायण पूनिया
वर्ष 2010 से 2019 तक क्रमानुसार अध्यक्ष
अरविंद चौधरी, प्रदीप सिंह, रवींद्र सिंह राणावत, महेंद्र जाखड़, भोमसिंह, आनंदसिंह, कुणाल सिंह, कांता ग्वाला, सुनील चौधरी, रवींद्र सिंह भाटी
(जेएनवीयू के पास 1962 से लेकर अब तक छात्रसंघ अध्यक्षों की पूरी सूची ही नहीं है। यह सूची पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों की मदद से इकठ्ठा की गई है।)
Published on:
29 Aug 2022 05:44 pm
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