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Wanted Criminal : हत्या, आजीवन कारावास, फरार व दो और हत्या में संदिग्ध

- आजीवन कारावास के अधीन पैरोल से फरार होने के बाद हत्या के दो और मामलों में संदिग्ध- आइपीसी 303 के तहत होगा दोषी

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Wanted Criminal : हत्या, आजीवन कारावास, फरार व दो और हत्या में संदिग्ध

Wanted Criminal : हत्या, आजीवन कारावास, फरार व दो और हत्या में संदिग्ध

जोधपुर।
हत्या (Murder) के मामले में आजीवन कारावास (Life imprisonment) के अधीन पैरोल पर जेल से भागने वाला (Run froom Parole) अजयपालसिंह उर्फ एपी (Wanted Ajaypal Singh @ AP) चार से अधिक वर्ष से फरार है। इस अवधि में वह जालोर जिले के आहोर थाने में कार टैक्सी चालक का अपहरण कर हत्या और शव जोधपुर की नहर में फेंकने का आरोपी है। वहीं, रातानाडा के भाटी चौराहे पर पुलिस हिरासत में बंदी को गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में भी संदिग्ध भूमिका है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इनमें से यदि एक भी मामला साबित हो जाता है तो वह आइपीसी की धारा 303 का दोषी होगा और उसे मृत्यु दण्ड से दण्डित किया जा सकता है।
जनवरी 2019 में पैरोल लेकर भागा, अब तक फरार
जोधपुर जिले के करवड़ थानान्तर्गत केलावा कला निवासी अजयपालसिंह उर्फ एपी को हत्या के मामले में वर्ष 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दिसम्बर में वह पैरोल लेकर जोधपुर सेन्ट्रल जेल से निकला था।उसे जनवरी 2019 में लौटना था, लेकिन वह फरार हो गया। जो अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है।
फरारी में दो हत्याओं में भूमिका
मार्च 2021 में जालोर जिले के आहोर थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। कार टैक्सी चालक का अपहरण कर हत्या के बाद शव जोधपुर की नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में अजयपालसिंह आरोपी है। वह पकड़ा नहीं जा सका है। रातानाडा थाने में दर्ज हत्या के मामले में भी उसकी संदिग्ध भूमिका है।
आइपीसी 303 की परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता आइपीसी की धारा 303 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति आजीवन कारावास के दण्डादेश के अधीन होते हुए हत्या करता है। अथवा आजीवन कारावास से दण्डित होने वाला अपराध करेगा, तो उसे मॄत्यु दण्ड यानि फांसी से दण्डित किया जाएगा।