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राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) व राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद(प्रधानाचार्य) के संयुक्त तत्वावधान में अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर पांच अक्टूबर को जयपुर मानसरोवर स्थित क्षिप्रा पथ पर रैली निकाली जाएगी। रेसला के प्रदेश सभाध्यक्ष डॉ. राजूराम चौधरी ने किसान भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि पांच को व्याख्याता और व्याख्याता बने प्रधानाचार्य सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। सात सूत्री मांगे नहीं माने जाने तक आमरण अनशन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्कूल व्याख्याता की संख्या 46800 है जबकि सैकण्डरी प्रधानाध्यापक 4177 है। दोनों की पदोन्नति प्रधानाचार्य के पद पर 67:33 से होती है। विसंगति यह है कि व्याख्याता की संख्या अधिक होने से पदोन्नति में 11 वर्ष लग रहे हैं। जबकि सैकण्डरी प्रधानाध्यापक, जिला शिक्षा अधिकारी, उप निदेशक एवं संयुक्त निदेशक के पदों पर पहुंच रहे हैं। जबकि वर्तमान में व्याख्याता से पदोन्नति जिला शिक्षा अधिकारी पूरे प्रदेश में एक भी नहीं है।
इसी प्रकार द्वितीय श्रेणी से पदोन्नत व्याख्याताओं को 16200 की पे-स्केल की जा रही है जबकि व्याख्याताओं की न्यूतमन वेतनमान 18750 है। इसी प्रकार 31 अगस्त 2016 के राजनीति विज्ञान व इतिहास के व्याख्याताओं की नियुक्ति भी शिक्षा विभाग नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सभी राज्य कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने, सभी जिलों में समान रूप् से नवनियुक्त पदोन्नत व्याख्याता का वेतनमान न्यूनतम 18750 रुपए किया जाए। प्रधानाचार्य का वेतन निर्धारण न्यूनतम वेतन 25200 रुपए करने, रिक्त पदों को भरने की मांग को लेर रैली निकाली जाएगी।
Published on:
03 Oct 2016 05:25 pm
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