ग्रामीणों ने बताया कि रात को चौराहे के पास पुलिस पहुंची और वहां आई काले शीशे वाली कैम्पर रुकवाई। पुलिस ने उसमें सवार युवकों से शीशा नीचे करने को कहा, लेकिन युवकों ने शीशा नीचे नहीं किया। पुलिस ने चालान बनाया और कैम्पर व उसमें सवार दो-तीन जनों को थाने ले जाने लगी। इसको लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिस पर युवकों से मारपीट करने का आरोप लगाया। सभी जैसलमेर हाइवे पर पहुंचे और जाम लगा दिया। पत्थर व अन्य अवरोधक लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी। करीब आधे घंटे तक हाइवे जाम रहा। बालेसर नगर पालिका अध्यक्ष रेंवतराम सांखला व अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से वार्ता की और समझाइश के बाद हाइवे खुलवाया।
थाने के सामने भीड़, पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन
सब्जी व फल विक्रेता और ग्रामीण थाने पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस कार्रवाई के विरोध में नारेबाजी की। हिरासत में लिए युवकों को छोड़ने पर अड़ गए। क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ।
पुलिस व वाहनों पर पथराव, जवाब में आंसू गैस व लाठीचार्ज
देर रात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपालसिंह लखावत व जयराम सिहाग व अन्य पुलिस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। करीब 11.30 बजे विवाद ने तूल पकड़ लिया। वार्ता का कोई हल न निकलने और युवकों को न छोड़ने से गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस व सरकारी वाहनों पर पथराव कर दिया। जिससे एकबारगी हड़कम्पमच गया। पुलिस व आरएसी के अतिरिक्त जाब्ते ने हालात काबू करने के प्रयास किए, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। पुलिस ने पांच-छह राउण्ड आंसू गैस के गोले छोड़े। जिससे भीड़छंट हुई। साथ ही लाठीचार्ज कर सभी को वहां से खदेड़ दिया। देर रात तक मौके पर तनावपूर्ण शांति बनी हुई थी।
एनाउंसमेंट कराते ही पथराव, हल्का बल प्रयोग किया
एएसपी भोपालसिंह लखावत का कहना है कि सीओ बालेसर ने वाहनों की जांच कर चालान बनाए थे। एक युवक को पकड़ा तो ग्रामीण विरोध करने लगे। ग्रामीणाें की भीड़ जमा हो गई। पब्लिक एड्रेस सिस्टम से आचार संहिता में जमा न होने की चेतावनी दी गई। तभी पुलिस पर पथराव कर दिया गया। तब हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा गया। आंसू गैस नहीं छोड़ी गई। चार-पांच जनों को हिरासत में लिया गया है।