
RSS : भारत में राष्ट्र की अवधारणा समाज आधारित : डॉ. मनमोहन वैद्य
सनसिटी कॉलम राइटर्स एंड स्कॉलर्स मीट
जोधपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा है कि इज्म या वाद वहां है, जहां थोपने का कार्य रहा हो। भारतीय जीवन दर्शन पाश्चात्य इज्म या वाद को नकारता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय होना गुणात्मक है। भारत में राष्ट्र की अवधारणा समाज आधारित है।
वे रविवार को विश्व संवाद केंद्र जोधपुर की ओर से लघु उद्योग भारती परिसर में आयोजित एक दिवसीय सनसिटी कॉलम राइटर्स एंड स्कॉलर्स मीट के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान इसका अद्वितीय आध्यात्मिक दृष्टिकोण है। कौशल के शिक्षण केंद्र भारत के घर थे, जहां ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी सहेजा गया। भारत ने विश्व पटल पर उदारवादी, बौद्धिक और प्रगतिशील दृष्टिकोण से अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान निर्मित की।
हिंदुत्व को हिंदुइज्म कहना गलत
डॉ. वैद्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति गंगा है, जिसमें परोपकार है...सहिष्णुता है। आध्यात्मिक लोकतंत्र भारत का मूल विषय है। भारत की इसी पहचान को दुनिया में हिंदुत्व कहा जाता है। इसीलिए हिंदुत्व को हिंदुइज्म कहना गलत है यह हिंदुनेस है।
भ्रमित करने का प्रयास
उन्होंने कहा कि माक्र्सवादी चिंतन ने भारत के मूल दर्शन को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास किया है। भारत विविधताओं में एक संस्कृति का देश है। उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था देशकाल में रही है, लेकिन जाति भेद का कोई शास्त्रीय आधार नहीं है।
स्वभाव में परनिंदा नहीं
पत्रकार गोपाल शर्मा ने लेखन श्रेणी को वर्गीकृत करते हुए कहा कि एक श्रेणी के लोग केवल परनिंदा में समय व्यतीत करते हैं। भारत के स्वभाव में परनिंदा नहीं है। हमारी संस्कृति अनूठी और विलक्षण है, लेकिन विरोधी समूह ने इतिहास के ऐसे तथ्यों को चुना, जिनसे वे भारत के एकीकृत स्वरूप को कमजोर कर सकते थे।
निरेटिव की पहचान
राजस्थान विश्वविद्यालय में कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. नंदकिशोर पांडेय ने कहा कि भारत को आचार्यों ने और बाद में संतों ने जोड़ा। आचार्य परम्परा में तात्त्विक दृष्टि से भेद हो सकता है, लेकिन मूल तत्व के विवेचन में कोई भेद नहीं है। रामायण महाभारत जैसे ग्रंथों को मिथक कहना भी एक निरेटिव है। उन्होंने कहा कि ऐसे निरेटिव की पहचान और उसका खंडन आवश्यक है।
प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान
कार्यक्रम संयोजक सुनील बिश्नोई ने बताया कि कार्यक्रम में 90 विभिन्न अकादमिक श्रेणियों के प्रतिभागियों का चयन किया गया था, जिनकी उपस्थिति शत प्रतिशत रही। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राध्यापक श्रेणी के रतन सिंह, दिनेश चारण, डॉ. महेश कुमार धायल एवं शोधार्थी श्रेणी के गोविंद राम, रघुवीर सिंह और नीरज जोशी को उत्कृष्ट श्रेणी लेखन के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह जसवंत खत्री, प्रांत संघचालक हरदयाल वर्मा, विश्व संवाद केंद्र के मंत्री हेमंत जी घोष मौजूद रहे।
Published on:
02 Apr 2023 07:54 pm
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