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साध्वी भानुकुमारी की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन

  अमरनगर स्थित तेरापंथ भवन में स्मृति सभा आज

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साध्वी भानुकुमारी की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन

साध्वी भानुकुमारी की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन


जोधपुर. आचार्य महाश्रमण की शिष्या वयोवृद्ध साध्वी भानुकुमारी का देवलोकगमन शनिवार दोपहर तेरापंथ भवन अमरनगर में हुआ। करीब 91 वर्षीय साध्वी के देवलोकगमन की सूचना मिलते ही जैन समाज की शोक की लहर छा गई। महाप्रयाण यात्रा वाहन में शाम 5.30 बजे तेरापंथ भवन अमरनगर से रवाना होकर ओसवाल स्वर्गाश्रम सिवांची गेट पहुंची। पांच किलोमीटर लंबी महाप्रयाण यात्रा के आगे जैन ध्वज, बैंड बाजों के साथ भजन मंडली चल रही थी। इससे पूर्व साध्वीवृंद व समणीवृन्द की ओर से सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की गई। साध्वी पुण्यप्रभा, हेमरेखा व समणी विपुलप्रज्ञा ने भावांजलि प्रस्तुत की। महाप्रयाण यात्रा में जैन तेरापंथ समाज के सदस्य जय जय नंदा जय जय भद्रा के जयघोष करते साथ चल रहे थे। युवक परिषद मंत्री मीतेश जैन ने बताया कि जैन संस्कारक मर्यादा कुमार कोठारी ने जैन विधि से अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करवाई। सभा मंत्री महावीर चौपड़ा व महेन्द्र सुराणा ने बताया कि रविवार को अमरनगर स्थित तेरापंथ भवन में सुबह 9.30 बजे स्मृति सभा का आयोजन रखा गया है।
जीवन परिचय
विक्रम संवत 1988 में सरदारशहर में जन्मी साध्वी भानुकुमारी ने 21 वर्ष की उम्र में आचार्य तुलसी से दीक्षा प्राप्त की थी। साध्वीश्री का विवाह छोटी उम्र में सरदारशहर के डागा परिवार में हुआ और पति के आकस्मिक देहावसान बाद मात्र परिवार त्याग कर दीक्षा ग्रहण की।