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जोधपुर

Jodhpur: विधायक बोली, ‘कभी मुझे भी लडक़ों ने कट मारा था, मैंने थप्पड़ रसीद किए’

- विधायक व्यास ने जगाया युवतियों में आत्मविश्वास - केएन कॉलेज में पांच दिवसीय पिंकबैल्ट क्लब का प्रशिक्षण शुरू

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जोधपुर. सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने कहा, ‘युवावस्था में एक बार कुछ लडक़ों ने कई बार कट मारकर छेडख़ानी का प्रयास किया था। मैंने सडक़ पर ही लडक़ों को दो-तीन थप्पड़ रसीद कर दिए। घर आकर अपने पुलिस अधिकारी पिता को यह बताया तो उन्होंने मेरी पीठ थपथपाई।’
व्यास ने यह बात मंगलवार को कमला नेहरू कॉलेज में राज्य महिला आयोग की ओर से शुरू किए गए पांच दिवसीय सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण के उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि छात्राओं को हमेशा दुर्गा के समान रहना चाहिए। ईंट का जवाब कम से कम ईंट से तो दिया ही जा सकता है। वे अपने भाइयों को राखी बांधते वक्त यह वचन जरूर लें कि वे किसी लडक़ी या महिला से अभद्रता नहीं करेंगे।

राजस्थान एडवेन्चर स्पोट्र्स कलचरल एंड वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से होने वाले प्रशिक्षण में महिला आयोग जोधपुर मंच की वरिष्ठ सदस्य सुमन पोरवाल, नीलम मूंदड़ा, विमला गट्टानी, सहायक पुलिस आयुक्त सीमा हिंगोनिया और सोसायटी के अजीत सिंह ने भाग लिया। महिला आयोग की ओर से जयपुर के बाद अब जोधपुर में पिंक बैल्ट क्लब का प्रशिक्षण शुरू किया गया है।

सेल्फ डिफेंस की टेक्निक सिखाएंगे

प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षक राधा विश्नोई ने छात्राओं को कुछ टेक्निक सिखाई। अजीत सिंह ने बताया कि पांच दिनों में छात्राओं को साड़ी, सलवार सूट, पेंट सहित विभिन्न परिधान पहने हुए छेडख़ानी से बचने की तकनीक सिखाई जाएगी। कट मारना, नीचे गिराना, शॉर्ट हथियार उपयोग में लेना, किसी सहारे को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना, माइंड मैक जैसी चीजें बताई जाएगी। प्रेक्टिकल के साथ थ्योरी कक्षा भी होगी तो छात्राओं को मानसिक तौर पर मजबूत किया जा सके।

 

पिंक बैल्ट क्लब की जरूरत क्यों
सुमन पोरवाल ने बताया कि कभी बस, गार्डन, कॉलेज के बाहर तो कभी ऑफि स में लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं। ज्यादातर मामलों में लड़कियां चुपचाप सहन कर लेती है। प्रतिवाद करती भी हैं तो कड़ा नहीं होता है। महिला आयोग तक तो यह मामले अक्सर पहुंचते ही नहीं और पहुंचते भी हैं तो काफ ी देर से। ऐसे मे दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती। इसी को देखते हुए राजस्थान महिला आयोग ने पिंक बैल्ट क्लब बनाने की पहल की है। जयपुर के बाद अब जोधपुर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लड़कियां हिम्मत दिखाती हैं, तो बाकी लोग भी सहायता के लिए आगे आ जाते हैं।