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Jodhpur News: राजस्थान का एक पुलिस थाना ऐसा भी, जानें,क्यों रिपोर्ट दर्ज कराने 200 किलोमीटर का सफर कर आते लोग

रामदेवरा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना या चौकी तक स्थापित नहीं होने पर ट्रेनों में आपराधिक मामलों की शिकायत के लिए लोगों को 200 किलोमीटर जोधपुर के जीआरपी पुलिस थाने तक का सफर तय करना मजबूरी बन गया है।

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जोधपुर जंक्शन, पत्रिका फोटो

Rajasthan: सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन यह सच है। राजस्थान में जोधपुर रेल मंडल में जीआरपी थाना अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड बना रहा है। जैसलमेर में रामदेवरा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना या चौकी तक स्थापित नहीं होने पर ट्रेनों में आपराधिक मामलों की शिकायत के लिए लोगों को 200 किलोमीटर जोधपुर के जीआरपी पुलिस थाने तक का सफर तय करना मजबूरी बन गया है।

200 किलोमीटर दूरी का सफर बना मजबूरी

जोधपुर रेल मंडल के रामदेवरा रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ट्रेन में कोई अपराधिक मामलों में यात्रियों को शिकायत दर्ज कराने के लिए बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। रेल मंडल में ट्रेनों में आपराधिक मामले की जांच का जिम्मा रेलवे जनरल पुलिस— जीआरपी के हवाले है। लेकिन रामदेवरा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी की चौकी भी स्थापित नहीं है। ऐसे में आपराधिक घटना होने पर या तो रेलयात्री शिकायत ही नहीं करता और यदि कोई यात्री शिकायत करना चाहे तो उसे 2003 किलोमीटर का सफर तय कर जोधपुर जाना पड़ेगा।

सबसे ज्यादा रेवेन्यू देता रेलवे स्टेशन

रामदेवरा रेलवे स्टेशन जोधपुर रेल मंडल का यात्रीभार से सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है। बावजूद रामदेवरा इसके रेलवे स्टेशन की बदहाल दशा और सुरक्षा के लचर इंतजाम रेलवे प्रशासन की सच्चाई उजागर करते हैं। हर साल लाखों जातरू रामदेवरा बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनार्थ आते हैं लेकिन फिर भी रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में सुरक्षा के नाकाफी इंतजाम रेलयात्रियों के लिए पीड़ादायक साबित होते हैं।

छोटे स्टेशनों पर चौकी, रामदेवरा में नदारद

जोधपुर रेल मंडल के कई छोटे रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी चौकी स्थापित है लेकिन कई बार मांग उठाए जाने के बावजूद रामदेवरा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी की चौकी या पुलिस थाना स्थापित नहीं करने से आमजन में गहरा रोष है। रेलवे स्टेशन पर रोजाना कई सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों का नियमित रूप से ठहराव निर्धारित है लेकिन फिर भी रेलयात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे है।