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विकास परियोजनाओं में लगेगा तकनीकी विशेषज्ञता का तड़का

सिटी नॅालेज व इनोवेशन क्लस्टर की मैराथन बैठक में हुआ मंथन

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विकास परियोजनाओं में लगेगा तकनीकी विशेषज्ञता का तड़का

विकास परियोजनाओं में लगेगा तकनीकी विशेषज्ञता का तड़का

जोधपुर। प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर शुरू हुई सिटी ऩॉलेज व इनोवेशन क्लस्टर योजना के तहत जोधपुर के विकास में भी यहां स्थित राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों की विशेषज्ञता की झलक मिलेगी। इसके तहत आइआइटी-जोधपुर व एम्स की मदद से मेडिकल टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना समेत चार कोर क्षेत्रों में प्रमुखता से काम किया जाएगा। क्लस्टर एप्रोच पर औपचारिक रूप से गत वर्ष जुलाई से काम शुरू हुआ है। अगले तीन सालों में शहर की विकास परियोजनाओं में तकनीकी संस्थानों की विशेषज्ञता का तडक़ा नजर आएगा।

प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के निर्देश पर क्लस्टर एप्रोच में जोधपुर समेत देश के छह शहर चुने गए थे। इनमें पुणे, हैदराबाद, भुवनेश्वर, दिल्ली व बंगलुरू भी शामिल हैं। एक शहर में स्थित राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों की मौजूदगी को देखते हुए इन शहरों का चयन किया गया है। साथ ही इन संस्थानों से अपेक्षा की गई है कि वे स्थानीय स्तर पर अपनी विशेषज्ञता की छाप छोड़ेंगे। क्लस्टर एप्रोच में चयनित शहरों के लिए प्रारम्भिक फंड आवंटन भी किया जा चुका है।

जिला प्रशासन व आइआइटी जोधपुर की शनिवार को आइआइटी परिसर में लगभग साढ़े तीन घंटे चली संयुक्त बैठक में क्लस्टर योजना पर विचार विमर्श किया गया। संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा, जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह, जेडीए कमीश्रर कमर जमाल चौधरी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने आइआइटी के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी व अन्य विशेषज्ञों के साथ तकनीक को विकास के साथ जोडऩे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

विकसित होगा मेडिकल टेक्नोलोजी पार्क
जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह के अनुसार आइआइटी जोधपुर व एम्स के तकनीकी सहयोग से आइआइटी परिसर में रीको की ओर से मेडिकल टेक्रोलॉजी पार्क विकसित किया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के चिकित्सा जांच उपकरणों के लिए शोध से लेकर उत्पादन तक की तकनीक नजर आएगी। स्थानीय बीमारियों से संबंधित चिकित्सकीय उपकरणों का निर्माण होगा। परियोजना के लिए १० करोड़ की राशि मंजूर की जा चुकी है। कोशिश की जा रही है कि योजना के तहत चिकित्सकीय उपकरणों का सर्टिफिकेशन भी जोधपुर में ही हो सके। आइआइटी के प्रो. सुरजीत घोष ने मेडिकल टेक्नोलॅाजी पार्क की अवधारणा का पीपीटी प्रजेन्टेंशन दिया।

रोकेंगे वायु प्रदूषण
जोधपुर में बढ़ते भूजल स्तर, जल व वायु की गुणवता को बढाने जैसे मु²ों पर चर्चा के दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त शासन सचिव नरेशपाल गंगवार के निर्देशानुसार आइआइटी जोधपुर के साथ मिलकर २०२४ तक वायु प्रदूषण रोकने पर काम होगा। प्रोफेसर पीके तिंवारी ने इसकी रूपरेखा बताई।

डिजिटल क्राफ्ट म्यूजियम
क्लस्टर एप्रोच के तहत हस्तशिल्प के प्रोत्साहन के लिए एनआईएफटी के सहयोग से डिजिटल क्राफ्ट म्यूजियम बनाने की योजना भी है। बैठक में डॉ. काम्या शर्मा ने प्रस्तुतिकरण दिया। जिला कलक्टर ने एनआईएफटी की निदेशक विजया देशमुख को आमजन की पहुंच वाले स्थानों पर क्राफ्ट प्रदर्शनियां लगाने के सुझाव दिया।

क्राईम मैनेजमेंट डेशबोर्ड
योजना के तहत आइआइटी व जोधपुर पुलिस के समन्वय से क्राईम मैनेजमेंट डेश बोर्ड विकसित किया जाना है। इसमें आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की मदद से क्राईम रेट में कमी लाने पर जोर रहेगा। साथ ही ट्रैफिक मैनेजमेंट, साइबर क्राइम व सोशल मीडिया पर निगरानी जैसे मु²ों पर भी काम होगा। सहित अन्य मुद्दो पर प्रशासन, पुलिस व आई आई टी के संयुक्त प्रयासों द्वारा जिले में बेहतर प्रबंधन पर विचार विमर्श किया गया।