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तीन दिन बीते, Rape पीड़िता सदमे में, मां नाम तक नहीं बता पा रही

- एफआइआर दर्ज करवाने वाली रिजका विक्रेता महिला के कोर्ट में दर्ज करवाए बयान

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minor girl raped

आरोपी हरीशदास सिंधी

जोधपुर.

पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर में बलात्कार के तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन ढाई साल की मासूम पीड़िता अभी तक सदमे में है। बलात्कार के बाद ढाई घंटे की सर्जन के बाद मासूम को होश तो आ गया, लेकिन कुछ भी बोल नहीं पा रही है। चिकित्सकों ने उसकी हालत में सुधार बताया है, लेकिन मासूम के चेहरे पर अभी भी हैवानियत का डर साफ नजर आ रहा है।

मासूम बेटी के पास मौजूद मां भी इस कदर आहत है कि वह अपनी बेटी का नाम तक बता पाने में असमर्थ है। उधर, राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश व राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार गर्ग उम्मेद अस्पताल पहुंचे और पीड़िता के हाल जानें। परिजन से मिले और चिकित्सकों को समुचित उपचार के निर्देश दिए।

आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त लाबूराम चौधरी ने बताया कि लहुलूहानपीडि़ता को सबसे पहले देखने रिजका विक्रेता महिला ने देखा था। उसी के पर्चा बयान के आधार पर बलात्कार व पोक्सो की धारा में एफआइआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में न्यायाधीश के समक्ष पीडि़ता के बयान दर्ज करवाए। प्रकरण में आरोपी चौहाबो निवासी हरीशदास सिंधी को सोमवार को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया था।

मकान में साक्ष्य मिले, आज भेजे जाएंगे एफएसएल

गत शनिवार रात 11.30 बजे आरोपी हरीशदासआइसक्रीम दिलाने के बहाने ढाई साल की मासूम को अपहरण कर ले गया था। पहले नाले में और फिर अपने मकान में मासूम से बलात्कार किया था। पुलिस ने आरोपी हरीशदास सिंधी को साथ लेकर वारदातस्थल का मौका मुआयना व तस्दीक करवाई थी। इस दौरान साथ एफएसएल ने नाले व मकान से साक्ष्य संकलित किए थे। आरोपी के मकान से एफएसएल को महत्वपूर्ण रसायनिक व जैविक साक्ष्य मिले हैं। आरोपी के पहने कपड़े भी जब्त किए गए हैं। जिनसे भी साक्ष्य मिले हैं।

न्यायाधीश ने बच्ची की तबीयत की जानकारी ली

राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के वरिष्ठ सलाहकार राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने उम्मेद अस्पताल जाकर अधीक्षक डाॅ. अफजल हाकिम से बच्ची के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, पुलिस व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। सामाजिक कार्यकर्ता निरूपा पटवा ने मौके पर ही परिजन आर्थिक सहायता दी। बाल कल्याण समिति के आदेश पर जिला बाल संरक्षण इकाई ने पीड़िता के परिजन के लिए अंतरिम राहत राशि स्वीकृत की। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पुखराज गहलोत, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक डा बीएल सारस्वत, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक मनमीत कौर, एडीसीपी लाबूराम, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विक्रम सरगरा आदि मौजूद रहे।


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