हमले का बदला लेने के लिए युवक पर फायरिंग प्रकरण: फरार आरोपी से पूछताछ में खुलासा, गोली चलाकर भाग जाएंगे, रुपए व आई फोन मिलेगा
जोधपुर। पावटा रोड पर हनवंत गार्डन के सामने कार सवार अधिवक्ता के पुत्र पर गोलियां चलाने के लिए छात्र नेता ने एक 'फौजी' को सुपारी दी थी। साथ ही दो पिस्तौल भी दी थी। 'फौजी' ने जेल में बंद रहने के दौरान साथी रहे विकास उर्फ डेविल को हत्या का जिम्मा सौंपा था। साजिश में दो नाबालिगाें को भी शामिल किया था। फायरिंग के बदले एक नाबालिग को आइ-फोन का टॉप मॉडल दिया जाना था। बाकी सभी को मोटी राशि में बराबर का हिस्सा मिलना था। गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ। सुपारी देने वाले मुख्य आरोपी और सुपारी लेने वाला 'फौजी' अभी फरार है।
गत वर्ष 20 अगस्त को भाटी चौराहे के पास हॉस्टल-3 में कुछ युवकों ने तलवार व धारदार हथियारों से जेठूसिंह गड़ा पर हमला किया था। इस मामले में दिगम्बरसिंह सहित छह युवक गिरफ्तार किए गए। 6 जनवरी को दिगम्बर सिंह की जमानत हुई थी। जेठूसिंह ने बदला लेने के लिए उम्मेदसिंह 'फौजी' को सुपारी के साथ दो हथियार भी दिए थे। इसके बाद 'फौजी' चैम्पियंस ट्राॅफी का फाइनल मैच देखने के बहाने दुबई चला गया था। पीछे 10 मार्च को दिगम्बर सिंह पर फायरिंग कर दी गई थी।
मुख्य आरोपी जेठूसिंह दुबई में है। जो अपना सोशल मीडिया अकाउंट अपडेट कर रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए लुक आउट नोटिस एलओसी जारी करवाया जा चुका है। इसके बावजूद वह ढाई महीने से पकड़ में नहीं आ पाया है।
'फौजी' और विकास उर्फ डेविल जेल में साथ-साथ बंद रह चुके हैं। विकास अच्छा शूटर माना जाता है। इसलिए 'फौजी' ने विकास को बतौर शूटर साजिश में शामिल किया था। साथ ही देवेन्द्रसिंह उर्फ मनु, नीतिन को भी साथ लिया गया था। पुलिस में शिकायत होने पर कोर्ट से जल्द राहत पाने के लिए दो नाबालिगों को भी शामिल कर लिया था।
पुलिस ने बताया कि रिमाण्ड समाप्त होने के बाद आरोपी देवेन्द्रसिंह उर्फ मनु को शनिवार को कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया गया। अब तक विकास उर्फ डेविल, नितिन, देवेन्द्रसिंह और दो नाबालिगों को पकड़ा जा चुका है और हथियार बरामद किए गए हैं। जेठूसिंह व उम्मेद सिंह फौजी की तलाश जारी है। फौजी पाली में भी लूट के आरोप में वांछित है। वह तीन बार पकड़े जाने से बचा है।