——— विदेशी डिजाइनर सिखाएंगे गुर सेंटर में आधुनिक तकनीकी वाली मशीनरी के साथ कॉस्ट इफेक्टिव प्रोडक्ट व फ्यूचर टेक्नोलॉजी पर फोकस रहेगा। इसके अलावा, निर्यातकों को मैन्यूफेक्चरिंग में इलेक्ट्रो प्लेटिंग की नई तकनीक फिजीकल वेपर डिपोजीशन (पीवीडी ) अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे नई तकनीकी वाली मशीनों व प्रणालियों से वर्तमान समय में उत्पाद पर आ रही लागत व लेबर कॉस्ट में कमी आएगी। सेंटर में विदेशी डिजाइनर निर्यातकों व आर्टिजन्स को प्रोडक्ट डवलपमेंट के गुर सिखाएंगे।
—– टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन पर रहेगा फोकस वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में हैण्डीक्राफ्ट निर्यात क्षेत्र में भारत को नए उभरते बाजारों में चीन, विएतनाम, इंडोनेशिया आदि देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। एेसे में सेंटर में प्रोडक्ट में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन पर फोकस रहेगा।ईपीसीएच का हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग को आने वाले 5 सालों में 5 हजार करोड़ तक पहुंचाने का प्रयास रहेगा। इसके लिए हस्तशिल्प निर्यातकों नई तकनीक की इम्पोर्टेड मशीनें व टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी ।
—– यह शामिल है मेगा क्लस्टर प्रोजेक्ट में – टे्रड फैसिलिटी सेंटर- कॉमन फैसिलिटी सेंटर – डिजाइन इनोवेशन व प्रोडक्ट डवलपमेंट – रॉ मेटीरियल बैक – कम्युनिटी प्रोडक्शन व फैसिलिटी सेंटर
– मार्केट प्रमोशन – स्किल ट्रेनिंग कार्यक्रम – टूल किट वितरण – टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम्स ———- यह मेगा क्लस्टर का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और स्थानीय निर्माण एजेंसी ही निर्माण कर रही है। सेंटर का निर्माण अप्रेल 2019 तक पूरा हो जाएगा। इस सेंटर के निर्माण हो जाने से जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों व आर्टिजन्स को बहुत फायदा मिलेगा।
राकेशकुमार, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टरईपीसीएच