24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ट्रांसजेंडर भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा, उन्हें भी अधिकार हैं : आइजी विकास कुमार

'ऑपरेशन स्माइल' के तहत कार्यशाला: नोडल अधिकारियों को ट्रांसजेंडर के साथ शालीन बर्ताव करने के दिए निर्देश

2 min read
Google source verification
IGP hounred transgender

राजस्थान पुलिस की एकमात्र ट्रांसजेंडर कांस्टेबल गंगा कुमारी को सम्मानित करते हुए आईजी रेंज विकास कुमार

जोधपुर.

ट्रांसजेंडर समुदाय के उत्थान के लिए ऑपरेशन स्माइल के तहत जोधपुर रेंज स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर आरपीटीसी के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई। पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर विकास कुमार ने ट्रांसजेंडर को भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए उनके अन्य जैसे समान अधिकारों के बारे में जानकारी दी।

आइजी ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को संवैधानिक अधिकारों, कानूनी प्रावधानों की जानकारी देने और उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से ऑपरेशन स्माइल शुरू किया गया है। इसी के तहत कार्यशाला आयोजित कर ट्रांसजेंडरों को उनके मौलिक अधिकारों और कानूनी प्रावधानों के बारे में अवगत कराया गया। ट्रांसजेंडर समुदाय की भी समाज व परिवार में अन्य के समान महत्वपूर्ण भूमिका है। जिले के समस्त नोडल अधिकारियों को ट्रांसजेंडर के साथ शालीन, सहयोगात्मक व संवदेनशीलता से व्यवहार करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य वक्ता नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंजलि थानवी ने ट्रांसजेंडर समुदाय के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने व भेदभाव की शिकायतों की जांच में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका व जिम्मेदारी और ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 व नियम 2020 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

जिला परिविक्षा व समाज कल्याण अधिकारी रमेशचन्द्र पंवार ने ट्रांसजेंडर के लिए पहचान पत्र जारी करने, परिवार व समाज की मुख्य धारा में शामिल होने, मौलिक अधिकार, शिक्षा, चिकित्सा सेवा, रोजगार, कानूनी सहायता व आवागमन के अधिकारों के बारे में जानकारी दी।

संभली ट्रस्ट के गोविंदसिंह राठौड़ ने ट्रांसजेंडर के साथ होने वाले भेदभाव, अधिकारियों से वंचित रखने के बारे में विचार व्यक्त किए। ट्रांसजेंडर वर्षा, राजू व सोफिया खान ने अपने अनुभव साझा किए। ट्रांसजेंडर पर पीएचडी कर रहे सवाईसिंह ने ऑनलाइन विचार व्यक्त किए।

राजस्थान पुलिस की एकमात्र ट्रांसजेंडर कांस्टेबल जालोर की गंगा कुमारी ने पुलिस बल में शामिल होने से लेकर जीवन में आई चुनौतियों व संघर्ष के बारे में जानकारी दी।

सेमिनार में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद, कनाडा के दो नागरिक, जोधपुर रेंज के विभिन्न थानों से आये 72 नोडल अधिकारियों सहित 25 ट्रांसजेंडर ने भाग लिया।

पुलिस बनने का सपना था, पहली बार में चयन हुआ : गंगा कुमारी

राजस्थान पुलिस की एकमात्र ट्रांसजेंडर गंगा कुमारी जालोर के बागरा थाने में पदस्थापित हैं। उनका कहना है कि दसवीं और फिर 12वीं गांव में और ग्रेजुएशन रानीवाड़ा में की थी। पुलिस की वर्दी देख पुलिसकर्मी बनना चाहती थी। कॉलेज की पढ़ाई के साथ जॉब करती थी। वर्ष 2013 कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था। ट्रांसजेंडर कॉलम अलग से नहीं था। स्त्री कैटेगरी से आवेदन किया था। अगले साल परिणाम में 148वीं रैंक आई थी। दिसम्बर 2015 में बैच के सभी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी, लेकिन उसकी नियुक्ति रोक दी गई थी। एसपी और दो बार जयपुर जाकर डीजीपी से मिली थी। वर्ष 2017 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। नवम्बर 2017 में हाईकोर्ट ने पुरुष ट्रांसजेंडर से नियुक्ति का आदेश दिया था, लेकिन विभाग ने नियुक्ति नहीं दी थी। दुबारा याचिका लगाने पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किए थे। तब सात दिन में नियुक्ति दी गई थी। आरपीटीसी मण्डोर में प्रशिक्षण लिया था। एथलेटिक्स गेम्स में राजस्थान में प्रथम स्थान हासिल किया था। समाज को ट्रांसजेंडर को मुख्य धारा में जोड़ें। ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। कांस्टेबल बनने के बाद काम के दौरान कभी कोई भेदभाव या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।