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मां के आंचल के बाद उठ गया पिता का भी साया, दो बालिकाओं को अब सरकार से आस

- दो बहनों में से एक है मानसिक दिव्यांग- प्रशासन के दर पर लगा रही गुहार

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जोधपुर. दो बहनों पर नियति की मार ऐसी पड़ी कि पहले मां का आंचल छिन गया और फिर इसी साल पिता का साया भी सिर से उठ गया। अब सरकारी स्तर पर पेंशन और अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखने के लिए गुहार लगा रही है, लेकिन फिलहाल कोई सुनवाई नहीं हुई।

मोहल्ला विकास समिति बाइजी तालाब के पदाधिकारियों के साथ ये दो बहनें सोमवार को जिला कलक्टर से मिली तो अपनी आपबीती बताते हुए हताश हो गई। बड़ी बहन गरिमा वैष्णव है। १९ साल की है और बी.ए द्वितीय वर्ष में पढ़ती है। छोटी बहन के साथ वह अपने मामा के घर रहती है। छोटी बहन मानसिक दिव्यांग है। एेसे में सरकार की ओर से पालनहार योजना व अन्य पेंशन की हकदार भी होती है। पूर्व में भी उपखंड अधिकारी के समक्ष गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एेसे में एक बार फिर प्रशासन के द्वार आना पड़ा। मोहल्ला विकास समिति के राजेश बोराणा ने बताया कि पहले भी प्रयास किए। अब सरकार की ओर से पेंशन और बड़ी बच्ची जो कॉलेज की पढ़ाई पूरी करना चाहती है, उसमें यदि सरकार मदद करे तो इनका जीवन संवर सकता है।