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जोधपुर की ये दो महिलाएं अफ्रीका और यूरोप को सिखाएंगी योग, भारतीय सांस्कृतिक दूत के रूप में हुआ चयन

कीर्ति चौरडिय़ा यूरोप एवं डॉ. ललिता संचेती पूर्वी अफ्रीका में देंगी योग प्रशिक्षण  

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women of Jodhpur selected as Indian cultural ambassadors

women of Jodhpur selected as Indian cultural ambassadors

दुनिया भर में भारतीय संस्कृति एवं योग सिखाने के लिए भारतीय सांस्कृतिक दूत के रूप में देश भर के 118 योग प्रशिक्षकों में जोधपुर की दो महिलाओं का चयन किया गया है। इनमें कीर्ति चौरडिय़ा एवं डॉ. ललिता संचेती को यह विशिष्ठ उत्तरदायित्व निभाने का अवसर व सम्मान मिला है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में संचालित क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इंडिया परीक्षा में परिणीत दोनों महिलाओं का भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआरएस ) ने कीर्ति चौरडिय़ा को पूर्वी यूरोप के देश बेलारूस के मिंस्क शहर के लिए चयनित किया है। इसी तरह डॉ. ललिता संचेती को पूर्वी अफ्रीका के टापू सेशल्स के माहे शहर में दो वर्ष तक योग प्रशिक्षण देने के लिए नियुक्ति मिली है।

चयनित दोनों महिलाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रेरित एवं सहमति प्राप्त योजना के तहत विदेशों में भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए संबंधित देश में भारतीय दूतावास से जुड़कर लोगों को भारतीय संस्कृति एवं योग से रूबरू करवाएंगी। विदेशों में इनका कार्यकाल दो वर्ष का रहेगा। कीर्ति चौरडिय़ा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वे पिछले नौ साल से श्रीश्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान में हैप्पीनेस प्रोगाम की प्रशिक्षका है। डॉ. ललिता संचेती ने बताया कि वे शास्त्रीनगर में पिछले छह साल से संचालित योग एवं मेडिटेशन केन्द्र सृजन के माध्यम से खास तौर पर गर्भवती एवं पोस्ट नटल योग का प्रशिक्षण दे रही है। आर्ट ऑफ लिविंग के योग एवं बच्चों के प्रोगाम आर्ट एक्सेल एवं यस की भी प्रशिक्षका है।







चयनित दोनों जोधपुर की महिलाओं को अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक संबंधित देश के भारतीय दूतावास में सम्पर्क करने को कहा गया है। राजस्थान से मात्र तीन महिलाओं को भारतीय सांस्कृतिक दूत के रूप में चयनित किया गया है। इनमें जोधपुर की दो महिलाओं का चयन होना शहर के लिए बहुत ही गौरव की बात है। आपको बताते चलें कि प्रधानमंत्री की पहल पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का दर्जा मिला है।