
asaram rape case jodhpur
जोधपुर . अनुसूचित जाति जनजाति के विशिष्ट न्यायालय के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की अदालत में बुधवार को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के साथ दोपहर ढाई बजे आसाराम को पेश किया। बुधवार को आसाराम की ओर से अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने अंतिम बहस जारी रखी। उन्होंने फिर दोहराया कि आसाराम को बड़ी साजिश के तहत फंसाया गया है और जांच अधिकारी ने गलत अनुसंधान कर गलत कानून के तहत झूठा मुकदमा दर्ज किया है। बुधवार को मामले में बहस अधूरी रही। गुरुवार को फिर इस मामले की सुनवाई होगी। अंतिम बहस के दौरान सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजन अधिकारी पोकरराम विश्नोई और पीडि़ता के अधिवक्ता प्रमोदकुमार वर्मा भी उपस्थित थे।
कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी
आम तौर पर पत्रकारों के सवाल का जवाब विवादित तरीके से देने वाले आसाराम का मंगलवार को अलग ही मिजाज नजर आया था। आसाराम ने मीडिया की ओर से विहिप नेता प्रवीणभाई तोगडिय़ा तथा फिल्म पद्मावत पर किए गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। अलबत्ता अनियंत्रित हो रहे अपने समर्थकों से जरूर कहा-'यहां क्यों आते हो, चले जाओ।Ó हालांकि पुलिस की सख्ती के चलते न्यायालय परिसर में आसाराम के समर्थक संयमित नजर आए।
यह हुआ सुनवाई के दौरान
एससीएसटी कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की अदालत में चल रहे नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीडऩ के आरोपी आसाराम के मामले में मंगलवार को भी अंतिम बहस अधूरी रही। इस मामले की बुधवार को सुनवाई फिर होगी। आसाराम के अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने कोर्ट में अभियोजन की ओर से करवाये गए गवाहों की विश्वसनीयता पर दो घंटे बहस की थी।अधिवक्ता सुराणा ने पीडि़ता की प्राथमिक स्कूल के प्रिंसिपल रहे जय कामत के बयानों पर बहस करते हुए कहा कि इस गवाह द्वारा पीडि़ता की बताई गई जन्मतिथि के आधार पर तथाकथित घटना के समय लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक रही थी इसलिए आरोपी के खिलाफ पॉस्को ऐक्ट नहीं लगाया जा सकता है। पॉक्सो के तहत चल रहे इस मामले की सुनवाई कैमरा ट्रायल के अंतर्गत हो रही है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजक पोकरराम विश्नोई और पीडि़ता के वकील प्रमोदकुमार वर्मा उपस्थित थे।
Published on:
18 Jan 2018 10:33 am
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