
diwali celebrations in Jodhpur
सभी तरह की संपत्तियों, सिद्धियों व निधियों की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी का गुरुवार को पूजन किया जाएगा। जोधपुरवासी अमावस्या को प्रदोषकाल में छाने वाले तिमिर को झिलमिल दीपमालाओं के उजास से रोशन करने के लिए बेताब हैं। शहरवासियों ने महालक्ष्मी के स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछा दिए हैं। दिवाली की रात सिद्धियों व निधियों की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी के पूजन के दौरान आसमां में आतिशी अठखेलियों के लिए शहरवासियों में खासा उत्साह है। अंधेरे पर उजाले की जीत और आनंद-उल्लास-समृद्धि के पर्व दीपावली की पूर्व संध्या पर रोशन घरों के कंवळों में सजी दीपमाला ने अमावस्या का अंधेरेा दूर करने का पूर्वाभ्यास करने जैसा एहसास कराया।
रोशन सूर्यनगरी के बाजारों में महालक्ष्मी पूजन के लिए परम्परागत पूजा की सामग्री, आभूषण, ड्राई फ्रूट, गृह साज सज्जा व घरेलू आवश्यक सामग्री व नवीन परिधानों की खरीदारी का दौर बुधवार देर शाम तक जारी रहा। लोगों ने महालक्ष्मी पूजन के लिए मूर्तियां, श्रीयंत्र, पूजन चौकी, मांगलिक व ऋतुपुष्प आदि पूजन सामग्री खरीदी। सूर्यनगरी के सभी प्रमुख मिष्ठान विक्रेताओं की ओर से ग्राहकों की सुविधा के लिए अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था की गई। दीपावली को महालक्ष्मी पूजन के साथ कुबेर, गणपति, महाकाली व सरस्वती का पूजन किया जाएगा। शुक्रवार को गोवद्र्धन पूजन, रामा श्यामा और शनिवार को यम द्वितीया भाईदूज और चित्रगुप्त पूजन किया जाएगा।
घर आंगन में निखरा सौन्दर्य, देहरी पर दीपदान
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी बुधवार को रूप चतुर्दशी के रूप में पारम्परिक हर्षोल्लास से मनाई गई। पांच दिवसीय दीपोत्सव महापर्व के दूसरे दिन गृहिणियों ने विशेष शृंगार कर घर आंगन को दीपमालाओं से रोशन किया। घर आंगन के साथ शारीरिक सौंदर्य के महत्व से जुड़े रूप चौदस पर्व की प्रदोषवेला में दरिद्रता व संकटनाश के लिए सौंदर्य रूप भगवान कृष्ण व महालक्ष्मी का पूजन किया गया। नरक चतुर्दशी पर महिलाओं ने घर-परिवार की खुशहाली व समृद्धि के लिए घर की देहरी पर यम दीपदान किया। रूप चतुर्दशी को असंख्य दीपमालाओं से सजे घरों के कंवळों ने अमावस्या की पूर्व संध्या पर छाए तिमिर दूर कर लोगों के मन को उल्लास से भर दिया। पंचपर्व के दूसरे दिन भी देर रात तक खरीदारी का दौर चलने से व्यापारियों के चेहरे खिले नजर आए।
गोवद्र्धन पूजन कल, भाईदूज 21 को
दीपावली के दूसरे दिन शुक्रवार को गोवद्र्धन पूजन किया जाएगा। सूर्यनगरी के सभी प्रमुख वैष्णव मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव की विशेष तैयारियां की गई है। मंदिरों में मंूग व छप्पन भोग पूजन के साथ ही अन्नकूट महोत्सव आरंभ हो जाएंगे। कटला बाजार स्थित कुंजबिहारी मंदिर में नियमित आने वाले श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी को चढ़ाए जाने वाले 56 भोग की तैयारियों में सेवाएं दीं। शनिवार को यम द्वितीया ( भाई दूज) को विवाहित बहनें अपने भाइयों को घर आमंत्रित कर हाथों से भोजन खिलाने की परम्परा का निर्वाह करेंगी। इसी के साथ पंच महापर्व का समापन होगा।
महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
दीपावली पर गुरुवार शाम महालक्ष्मी का पूजन प्रदोष, गोधूलि, स्थिर वृषभ लग्न व शुभ अमृत वेला में करना शुभ माना गया है। पं. ओमदत्त शंकर के अनुसार शाम प्रदोष और शुभवेला शाम 4.38 से 6.03 रहेगी। गोधुलि,अमृत और चर वेला में शाम 6.03 से 9.30 बजे तक महालक्ष्मी पूजन करना शुभ होगा। स्थिर वृषभ लग्न में शाम 7.36 से 9.32 तक तथा ग्रह बलवान मिथुन लग्न में रात्रि 9.33 से 11.44 बजे तक महालक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त है। महानिशीथ पर्व में रात्रि 11.58 से 12.48 बजे तक तथा रात्रि लाभ वेला में 12.33 से 1.57 बजे तक और स्थिर सिंह लग्न में रात्रि 2.04 से 4.21 बजे तक महालक्ष्मी पूजन करना उत्तम है।
Published on:
19 Oct 2017 01:11 pm
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