
jodhpur municipal corporation
purnima bohra
जोधपुर . शहर में कहीं भी आग लग जाए तो नगर निगम आग बुझाने के लिए तत्पर रहता है। शहर की बहुमंजिला व अन्य इमारतों में अग्निशमन यंत्र पूर्ण होने या न होने के बारे में भवन मानक की जांच भी नगर निगम ही करता है। इन सबके बावजूद शहर के भवनों के मानकों की जांच करने वाले नगर निगम के स्वयं के कार्यालय भवन के पास फ ायर एनओसी ही नहीं है। यहां तक कि राष्ट्रीय भवन मानक के अनुसार भवन में प्राथमिक स्तर पर कार्य आने वाले अग्निशमन उपकरण तक नहीं हैं। एेसे में अगर भवन में कहीं हादसा हो जाए तो निगम प्राथमिक स्तर पर हादसे पर काबू पाने में असमर्थ नजर आएगा।
न सर्वे करवाया और न ही फायर एनओसी ली
नगर निगम का अग्निशमन विभाग के सर्वे के बाद ही निगम स्वयं शहर में बन रहे भवनों को फायर एनओसी देता है। यहां तक कि दीपावली पर लगने वाले अस्थाई पटाखों की दुकानों तक को फायर एनओसी देने का अधिकार निगम के पास है। एेसे में दूसरों की चिंता निगम को है, लेकिन स्वयं के भवन की परवाह नहीं। खुद के भवन की न तो अग्निशमन विभाग से सर्वे करवाया न ही फायर एनओसी ली।
लाखों फाइलें हैं निगम में
जोधपुर के ६५ वार्डो में बने भवनों का लेखा-जोखा नगर निगम के पास रहता है। नगर निगम की रिकॉर्ड शाखा में फाइलें भरी पड़ी हैं। बरसों का रिकॉर्ड इस रिकॉर्ड शाखा में उपलब्ध हे। एेसे में यदि कहीं आगजनी हो जाए तो त्वरित रूप से आग बुझाने के लिए एेसा कोई यंत्र नहीं है। एेसे में लोगों के भवनों का लेखा-जोखा खतरे में है। रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की कवायद चल रही है, लेकिन ऑनलाइन नहीं हुआ है।
एेसी कोई व्यवस्था नहीं है
कार्यालय में अधिकतर कार्य कम्प्यूटर पर होता है। शहर में कितने बच्चे जन्मे, कितने लोगों की मृत्यु हुई आदि लेखा जोखा कम्प्यूटर में रहता है, बावजूद इसके यदि कम्प्यूटर में शॉर्ट सर्किट से आगजनी हो जाए तो त्वरित कार्रवाई के लिए एेसी कोई व्यवस्था नहीं है।
अग्निशमन यंत्र तक नहीं
कहीं भी आगजनी हो तो सबसे पहले जान की परवाह की जाती है। एेसे में भवन में बाहर निकलने के रास्ते हर दिशा में होने चाहिए। हालांकि नगर निगम का मुख्यालय भवन नया है और भवन की हर दिशा में एस्केप रूट खुले हुए हैं। सीढि़यां भी नियमों के अनुरूप हैं, लेकिन भवन में अग्निशमन उपकरण नहीं हैं। एेसे में प्राथमिक स्तर पर आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते छोटा सा हादसा विकराल रूप ले सकता है।
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फायर स्टेशन पर व्यवस्था, लेकिन भवन में नहीं
नगर निगम के पास १८ दमकल हैं। वहीं १ स्काई लिफ्ट है, जो किसी बहुमंजिला इमारत में हादसा होने पर रैस्क्यू के लिए काम आती है। इसके अलावा प्राथमिक अग्निशमन यंत्र है, जिसमें सीओटू, एसीबी और डीसीपी आदि हैं। यदि इलेक्ट्रिक उपकरण, लिक्विड में या फिर गैस में आग लगी हो तो ये सभी में प्राथमिक स्तर पर आग बुझाने के काम आते हैं, लेकिन ये उपकरण निगम के अग्निशमन विभाग के फायर स्टेशन पर हैं, जो जोधपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में हैं। निगम के कार्यालय से फायर स्टेशन की दूरी अधिक है। यदि नगर निगम में कोई हादसा हो जाए तो वहां फस्र्टएड फायर एस्ंिटग्विशर तक नहीं है।
मुझे ज्यादा जानकारी नहीं
१५ मीटर से ऊंचे भवनों को फायर एनओसी लेनी होती है। जहां तक मेरी जानकारी है, नगर निगम कार्यालय के पास फायर एनओसी नहीं है। मैंने अभी ज्वाइन किया है। मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है।
-सुरेंद्र भाटी
एएसओ, अग्निशमन विभाग, जोधपुर
मुझे पूरी जानकारी नहीं है
नगर निगम कार्यालय के भवन की फायर एनओसी हो सकती है या नहीं, मुझे इस सम्बंध में पूरी जानकारी नहीं है। अग्नि शमन उपकरण तो नहीं लगे हैं, जल्द ही लगवाएंगे।
-घनश्याम ओझा
महापौर, नगर निगम, जोधपुर
Updated on:
25 Jan 2018 03:45 pm
Published on:
25 Jan 2018 08:40 am
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