
jodhpur jail
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संगीतराज लोढ़ा व न्यायाधीश वीरेंद्रकुमार माथुर की खंडपीठ ने एक अपील में १७ साल से स्थाई वारंटी को वारंट तामील नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक नागौर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस संदीप मेहता ने मंगलवार को सामराऊ घटना से जुड़ी एक विविध आपराधिक याचिका की इसी घटना से सम्बन्धित स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका के साथ ही सुनवाई करने की सिफारिश की है।
स्थाई वारंटी को वारंट कुचामन थाने में १७ साल तामील नहीं करवाया गया। हाईकोर्ट में सरकार बनाम मोहनराम की अपील में कानाराम को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह आज तक हाजिर नहीं हुआ है। कानाराम की मां सुआदेवी ने 10 फरवरी 2001 को पुलिस थाने में बताया कि उसका पुत्र कानाराम घर नहीं आया है। उसके बाद कोर्ट से वारंट जारी हुआ। बाद में स्थाई वारंट जारी किया गया, लेकिन नागौर पुलिस ने वारंट तामील नहीं करवाया। पुलिस के साथ अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास ने समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने असंतोष जाहिर करते हुए पुलिस अधीक्षक नागौर को 12 मार्च को तलब किया।
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सामराऊ से जुडे़ मामले की जनहित याचिका के साथ सुनवाई करने की सिफारिश
राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस संदीप मेहता ने मंगलवार को सामराऊ घटना से जुड़ी एक विविध आपराधिक याचिका की इसी घटना से सम्बन्धित स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका के साथ ही सुनवाई करने की सिफारिश की है। मामले के एक आरोपी प्रकाश, जो कि इस समय जेल में बंद है, ने सीआरपीसी की धारा ४८२ के तहत याचिका दायर करते हुए अपने खिलाफ दायर एफआईआर निरस्त करने की गुहार लगाई थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस मेहता ने मामले के अधिवक्ता फरजंद अली से कहा कि सामराऊ घटना से सम्बंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई खंडपीठ में जारी है। वर्तमान मामले में आदेश जारी करना इस सुनवाई के विरुद्ध होगा, अत: यह निर्देश दिया जाता है कि वे मुख्य न्यायाधीश से मार्गदर्शन प्राप्त कर यह मामला भी खंडपीठ में जारी जनहित याचिका ९९५/२०१८ के साथ ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।
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Published on:
21 Feb 2018 07:46 am
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