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NGT की फटकार से ज्यादा कारगर दिख रहा है लॉकडाउन, जहरीले पानी से जोजरी को मिली राहत

शहर में संचालित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला पानी जोजरी नदी में बहाया जाता है। इन इकाइयों में सबसे ज्यादा पानी टेक्सटाइल व स्टील इकाइयां करती है। जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) इन इकाइयों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी को ट्रीट कर जोजरी नदी में छोडऩे का दावा भी करती है।

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water pollution in jojari river reduced during lockdown in jodhpur

NGT की फटकार से ज्यादा कारगर दिख रहा है लॉकडाउन, जहरीले पानी से जोजरी को मिली राहत

जोधपुर. सरकार की ओर से कोरोना वायरस के चलते लगाया गया 21 दिन का लॉकडाउन से आमजन प्रभावित हुआ है। वहीं यह लॉकडाउन प्रकृति के लिए राहत लेकर आया है। कुछ ऐसी ही स्थिति जिले से निकलने वाली जोजरी नदी की है। लॉकडाउन से जोजरी नदी को गंदे पानी से राहत मिली है। आज जोजरी नदी शांत है, चैन की सांस ले रही है और नदी से साफ पानी बह रहा है।

औद्योगिक इकाइयों से बहाया जाता पानी
शहर में संचालित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला पानी जोजरी नदी में बहाया जाता है। इन इकाइयों में सबसे ज्यादा पानी टेक्सटाइल व स्टील इकाइयां करती है। जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) इन इकाइयों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी को ट्रीट कर जोजरी नदी में छोडऩे का दावा भी करती है। इनके अलावा कई अवैध रूप से चलने वाली टेक्सटाइल इकाइयां कपड़ा धुलाई के पानी को बिना ट्रीट किए ही जोजरी में छोड़ती है।

25 दिनों से जोजरी में नहीं आ रहा पानी
औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक होली से पहले अपने गांव चले गए, इस वजह से इकाइयों में काम बंद रहा। होली के सप्ताह भर बाद श्रमिक काम पर लौटते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते श्रमिक लेट आए और 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद लॉकडाउन कर दिया गया, ऐसे में फैक्ट्रियां अब तक सुचारू रूप से चालू नहीं हो पाई और फैक्ट्रियों में होली के पहले से काम बंद पड़ा है। परिणामस्वरूप पिछले करीब 25 दिनों से न तो इकाइयों से निकला पानी ट्रीट होने के लिए जेपीएनटी आ रहा है और न ही जेपीएनटी व अन्य इकाइयों से जोजरी नदी में पानी नहीं आ रहा है।

फटकार से ज्यादा लॉकडाउन कारगर
औद्योगिक इकाइयों से प्रदूषित हो रही जोजरी नदी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), उच्च न्यायालय व सरकार की ओर से संबंधित सरकारी विभागों को फटकार पड़ती रही है व उद्यमियों पर इकाइयां बंद करने, पेनल्टियों का डंडा लटकता रहा है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते लागू हुआ लॉकडाउन सबसे ज्यादा कारगर रहा है कि लॉकडाउन के बाद अब तक इकाइयों से गंदा पानी निस्तारित नहीं किया गया है।