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दोनों बेटों को पहले नहर में धकेला, फिर पत्नी संग कूदा था युवक

- पत्नी व दो बेटों के साथ युवक के सामूहिक आत्महत्या करने का मामला- कारणों का अभी तक खुलासा नहीं, लेकिन पति-पत्नी में तकरार व नोंक-झोंक की आशंका, चारों का एक साथ अंतिम संस्कार

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दोनों बेटों को पहले नहर में धकेला, फिर पत्नी संग कूदा था युवक

दोनों बेटों को पहले नहर में धकेला, फिर पत्नी संग कूदा था युवक

जोधपुर।
मथानिया थानान्तर्गत तिंवरी में एक युवक और उसकी पत्नी के दो बेटों के साथ सामूहिक आत्महत्या के कारण पर अभी तक रहस्य बना हुआ है। दम्पती में आपसी तकरार और मनमुटाव था। संभवत: मंगलवार सुबह भी दोनों में नोंक-झोंक हुई थी। इसके बाद युवक पत्नी व बच्चों को पीहर जाने वाली ट्रेन में बिठाने का कहकर घर से निकल गया था। ग्रामीणों की मानें तो तिंवरी में राजीव गांधी लिफ्ट केनाल के किनारे पहुंचकर दोनों बेटों को नजर में धकेला गया था और फिर दम्पती नहर में कूदे थे। तैराकी का जानकार होने से युवक डूब नहीं पाया तो बाहर निकलकर ट्रेन से कट गया था।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पूर्व नाजिम अली ने बताया कि अभी तक चारों के आत्महत्या करने का कारण पता नहीं सका है। बाड़मेर निवासी पीहर पक्ष ने भी कोई अंदेशा नहीं जताया है। उनकी तरफ से मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की गई है। सहायक पुलिस आयुक्त (मण्डोर) पीयूष कविया ने बताया कि घरवाले काफी सदमे में है। आत्महत्या की कोई वजह सामने नहीं आई है। पीहर पक्ष ने भी कोई संदेह व्यक्त नहीं किया है।
नहर किनारे मिले संघर्ष के निशान
पुलिस का कहना है कि कंवरलाल अपनी पत्नी व दो बेटों को लेकर रेलवे स्टेशन गया था। पपुर नहर किनारे आ गया था, जहां पति व पत्नी में कुछ संघर्ष भी हुआ था। नहर किनारे संघर्ष के साक्ष्य भी मिले हैं।
आशंका : बेटों को बचाने के प्रयास में नहर में कूदी होगी मां
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि नहर किनारे पति पत्नी में झगड़ा हुआ था। जिनकी आवाजें आस-पास के लोगों को सुनाई दी थी। ग्रामीण मौके पर आए तब तक भरत व सौरभ को नहर में धकेल दिया गया था। फिर पत्नी और कंवरलाल पानी में कूदे थे। ग्रामीणों को यह भी अंदेशा है कि बेटों को बचाने के प्रयास में मां पूनम ने पानी में छलांग लगाई होगी। फिर कंवरलाल भी पानी में कूदा था। वह डूब नहीं पाया तो बाहर निकल ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी।
एक साथ चारों का अंतिम संस्कार
मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में तिंवरी निवासी कंवरलाल आचार्य, उसकी पत्नी पूनम, पुत्र भरत व सौरभ के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। गमगीन माहौल में चारों शव तिंवरी ले जाए गए, जहां रूलाई फूट गई। वृद्ध माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घरवाले ही नहीं बल्कि आस-पास के ग्रामीणों की रूलाई फूट गई। नम आंखों से शव यात्रा निकाली गई। कस्बे में एक साथ चारों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। कंवरलाल कमठा मजदूरी करता था। उसकी दस साल पहले शादी हुई थी। उसके वृद्ध माता-पिता व दो छोटे भाई भी हैं।
तीन मोहल्लों में नहीं जला चूल्हा
चारों की सामूहिक आत्महत्या का पता लगने के बाद से तिंवरी में भार्गव मोहल्ला, कुम्हारों का मोहल्ला व आचार्यों का मोहल्ला में मातम सा छा गया। तीनों ही मोहल्लों के किसी भी घर में चूल्हा तक नहीं जला। महिलाएं व पुरुष कंवरलाल के घर पहुंचे और परिजन को हिम्मत बंधने का प्रयास किया।