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खतरे में नौनिहाल, आधे-अधूरे लग रहे टीके

एक-एक जान कीमती है.....

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खतरे में नौनिहाल, आधे-अधूरे लग रहे टीके

खतरे में नौनिहाल, आधे-अधूरे लग रहे टीके

फैक्ट फाइलजुलाई से सितंबर माह में पैदा हुए 15875 नौनिहाल

बीसीजी टीका लगा- 14975

ओपीवी 0 बर्थ रेट 14975

हेपेटाइटिस बी 0 बर्थ-14550

जोधपुर. नवजात शिशुओं के जन्म के बाद लगने वाले टीके में कई जगह ढील है। कई बच्चे शून्य डोज लगाने में छूट रहे है। बीते तीन माह में जोधपुर में पौने सोलह हजार बच्चे पैदा हुए। जिनमें 15 हजार बच्चों को भी पूरी डोज नहीं लगी है।इस मामले को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिले के समस्त खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। बच्चे का कोई भी टीका छूटने के बाद वो बच्चे संपूर्ण टीकाकृत बच्चों की श्रेणी में नहीं आते। विभाग ने कहा कि डाटा शीट के अनुसार अपने संस्थान के टीकाकरण कार्यक्रम के ऐसे क्षेत्र जहां टीकाकरण छूट रहा है है या देरी से व जल्दी दिया जा रहा है, उसकी प्रगति समीक्षा की जाए।

अभिभावक भी करते है लापरवाहीकई लोग एक जगह से दूसरे जगह पलायन कर जाते है। जो भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नहीं मिलते। इस कारण कई लाभार्थी मिल नहीं पाते। उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल में भी कई बच्चे टीकाकरण से वंचित रहे थे। क्योंकि लॉकडाउन व कोरोना के भय से कई बाहर नहीं निकले थे।

बच्चों के ये खुराक छूटी हुई है9 सौ बच्चों के बीसीजी तपेदिक (टीबी) खुराक छूटी हुई है। साथ 900 बच्चों के ही ओपीवी (पोलियो की ओरल ड्रॉप्स) डोज छूटी हुई है। वहीं 1325 खुराक खुराक हेपेटाइटिस बी की कम लगी हैं।

इनका कहना है....जब कोई नवजात पैदा होते ही नर्सरी में जाता है, वहां एक या दो दिन भर्ती रहता है, उसकी डोज छूट जाती है।क्योंकि हेपेटाइटिस बी का टीका 24 घंटे के भीतर लगता है। बीसीजी व ओपीवी एक साल के भीतर लग जाते है। सब सेंटर में इमरजेंसी डिलीवरी वाले बच्चों को 24 घंटे में टीके नहीं मिल पाते, ऐसे बच्चों के टीकाकरण दिवस पर बीसीजी व ओपीवी टीके लग जाएंगे, हेपेटाइटिस बी नहीं लग पाते। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोल्ड चैन प्वाॅइंट होने के कारण ऐसी शिकायतें नहीं आती।

- डॉ. कौशल दवे, आरसीएचओ, जोधपुर