निवेशकों का हो सकता है मोह भंग
इस ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरीडोर रायपुर – विशाखापट्टनम एक्सप्रेस वे में जगदलपुर नगरनार मार्ग को शामिल न करने के कारण एनएमडीसी के प्रस्तावित नगरनार स्टील प्लांट पर भी पड़ेगा। यातायात सुविधाओं की कमी के असर से देश के बड़े कॉर्पोरेट घरानों और निवेशक समूहों का बस्तर से मोह भंग हो सकता है। जिसका साफ तौर पर असर सरकार की उद्योग नीति पर भी पड़ेगा। साथ ही साथ इसका सबसे बड़ा झटका एक बार फिर बस्तर की जनता को लगेगा। जिन्हें भरोसा है कि यहॉ उद्योग इकाईयों के आने से उनके खाली हाथों को रोजगार नसीब होगा। यदि यातायात की दृष्टि से संसाधनों की समुचित व्यवस्था होगी तो इसका सीधा लाभ एनएमडीसी स्टील प्लांट में प्रोडक्शन शुरू होते हुए आसपास के क्षेत्र में और भी सहायक उद्योग लगने से सरकार की उद्योग नीति को भी बढ़ावा मिलेगा। स्वास्थ्य की सुविधा व सुरक्षा के लिहाज से यह जरुरी है। बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर का क्षेत्र जो कि आदिवासी बाहुल्य अंचल भी है उसका सीधा लाभ यहॉ की जनता को होगा।
फोरलेन की है दरकार वह भी नहीं हो सका पूरा
जगदलपुर यातायात के लिए पूर्ण रूप से सड़क मार्ग पर ही निर्भर है। आजादी के 7 दशक बीतने के बाद भी बस्तर संभाग के पिछड़ेपन के सबसे प्रमुख कारणों में से एक यातायात के अल्प साधन ही हैं। इससे यहां पर्यटन की संभावनाओं पर भी ग्रहण लग गया है। केन्द्रीय सरकार ने इससे पूर्व भी बस्तर संभाग में आवागमन के संसाधनों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 रायपुर से जगदलपुर तक यात्री परिवहन की बढ़ती अधिकता को देखते हुए ही सिंगल लेन सड़क के चौड़ीकरण व उन्नयन की स्वीकृति दी थी। किन्तु समय की मांग को देखते हुए बस्तर संभाग की आवश्यकता फोरलेन किए जाने की थी। लेकिन चौड़ीकरण और उन्नयन कार्य स्वीकृत होने मात्र से ऐसा प्रतीत होने लगा है कि रायपुर से जगदलपुर मार्ग को फ ोर लेन का सपना अधूरा ही रह गया।
पूर्व विधायक ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
जगदलपुर विधानसभा के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी व सड़क परिवहन मंत्रालय के केन्द्रीय सचिव को पत्र लिखकर कोण्डागॉव से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेस- वे को कोण्डागॉव से विस्तार करते हुए जगदलपुर- नगरनार मार्ग को भी सम्मिलित किये जाने पत्र लिखा है। विकास की दृष्टि से केन्द्रीय सरकार द्वारा उठाए गए इस सकारात्मक कदम की जितनी खुशी आज छत्तीसगढ़ प्रदेश को मिले इस एक्सप्रेस.वे की है, निश्चित रूप से प्रदेश की जनता इस सौगात के लिए सदैव केन्द्रीय सरकार की आभारी रहेगी।
कांकेर, कोंडागांव शामिल जगदलपुर रह गया वंचित
भारतमाला परियोजना के तहत् नवीन स्वीकृत रायपुर . विशाखापट्टनम एक्सप्रेस- वे निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह परियोजना रायपुर-दुर्ग बाईपास से शुरू होकर कुरूद, धमतरी, कांकेर, कोण्डागॉव, कोरापुट, नवरंगपुर, तुम्बिगुरा, सब्बवाराम होकर विशाखापट्टनम पोर्ट तक बनना है। यह एक्सप्रेस वे कांकेर व कोण्डागॉव जिले से होकर गुजरेगा।
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