कांकेर. कुपोषण को खत्म करने के लिए केन्द्र और सरकार की ओर से तमाम योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं होने से इसका लाभ लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से जिले के आदिवासी समुदाय में कुपोषण गहराता जा रहा है। कुपोषण को बढ़ावा देने वाली स्थितियां बनी हुई है। आदिवासियों के निवास क्षेत्रों जल, जंगल, जमीन और परंपरागत आजीविका के स्रोतों पर गहराए संकट के कारण अब ये समुदाय आजीविका तथा खाद्य व पोषण सुरक्षा की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा हैं।