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ये दोस्ती तेरे दम से है: दिव्यांग नन्हे दोस्त के लिए बनाई जुगाड़ गाड़ी

कक्षा आठवीं में पढऩे वाले पुसवाड़ा के कमलेश का बेटा टिकेश्वर और छन्नू का पुत्र चितरंजन (दिव्यांग) की दोस्ती भी कुछ ऐसी ही है...

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Surya Pratap Goutam

Dec 13, 2016

friendship news

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कांकेर.
कक्षा आठवीं में पढऩे वाले पुसवाड़ा के कमलेश का बेटा टिकेश्वर और छन्नू का पुत्र चितरंजन (दिव्यांग) की दोस्ती भी कुछ ऐसी ही है। इनके दोस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने दोनों पैरों से ठीक से न चल पाने वाले चितरंजन के लिए घर में पड़ी साइकिल के दो पहियों के सहारे खुद ही जुगाड़ गाड़ी बना ली। इसी पर बैठाकर उसे स्कूल ले जाता है।


साथ ही नदी में स्नान कराने से लेकर हर कार्य में वह उसे गाड़ी बैठाकर खुद गाड़ी खींचकर ले जाता है। गांव में इन दोनों की जोड़ी बेमिसाल है। टिकेश्वर रोज सुबह उठकर कक्षा छठवीं में पढऩे वाले चितरंजन के घर पहुंच जाता है, उसे अपनी गाड़ी पर बैठाता है और स्कूल लेकर चल देता है।


सरकार से भी नहीं मांगी मदद

अपने मित्र को नदी में स्नान कराने के लिए ले जा रहा टिकेश्वर रास्ते में मिल गया। पुसवाड़ा के सरपंच राम चरन कोर्राम का कहना है, इन दोनों के बीच की दोस्ती हम सबके लिए मिसाल है। यहां तक कि किसी ने अब तक प्रशासन से ट्राई साइकिल भी नहीं मांगी और इसने अपने ही कंधे पर पड़ोसी छन्नू के लड़के का पूरा भार इस छोटी उम्र में उठा लिया है।