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नक्सलियों की बड़ी साजिश: BSF जवानों पर रिमोर्ट कंट्रोल से किया IED ब्लास्ट, दो घायल

Chhattisgarh Naxalism: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को कांकेर जिले के चिलपरस बीएसएफ कैंप से आरएसओ पार्टी कोयलीबेड़ा जाने के लिए निकली थी। सुबह करीब 8.15 बजे ग्राम चिलपरस और कागबरस के बीच तालाब के पास एक जोरदार धमाका हुआ, जिसमें बीएसएफ के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

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Bijapur Naxali Encounter

Bijapur Naxali Encounter File Photo

Chhattisgarh Naxalism: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को कांकेर जिले के चिलपरस बीएसएफ कैंप से आरएसओ पार्टी कोयलीबेड़ा जाने के लिए निकली थी। सुबह करीब 8.15 बजे ग्राम चिलपरस और कागबरस के बीच तालाब के पास एक जोरदार धमाका हुआ, जिसमें बीएसएफ के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके के बाद जवानों में अफरा तफरी मच गई। मोर्चा संभालते हुए जवानों को कोयलीबेड़ा अस्पताल पहुंचा गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को हेलीकाप्टर से रायपुर रेफर कर दिया गया।

पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि चिलपरस कैम्प बीएसएफ- 30वीं बटालियन के कुछ जवानों की छुट्टी मंजूर हो गई थी। जिनको 28 मार्च को सुबह आरएसओ पार्टी कोयलीबेड़ा छोड़ने के लिए जा रही थी। सुबह करीब 8.15 बजे जवान सर्चिंग करते हुए सड़क से हट कर जंगल के रास्ते आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान ग्राम चिलपरस और कागबरस के बीच तालाब के पास जवान पहुंचे थे कि अचानक नक्सलियों ने रिमोर्ट कंट्रोल से आईडी ब्लास्ट कर दिया।

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बम के धमाके से 30वीं बटालियन के दिल्ली निवासी जवान सुशील कुमार और राजस्थान निवासी छोटूराम गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके के बाद जवानों में हड़कंप मच गया। तुरंत मोर्चा संभालते हुए सावधानी से घायल जवानों को जंगल से बाहर निकालकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा कि नक्सलियों ने किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बम प्लांट करके रखे थे।

जवानों को आते देख रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट कर दिया लेकिन जवानों की किस्मत अच्छी थी कि अगल बगल चल रहे थे। जवानों के बीच में आईडी ब्लास्ट हुआ जिस कारण दोनों जवान सुरक्षित हैं। हालांकि एक जवान के हाथ और पैर में तो दूसरे जवान के चेहरे में गंभीर चोटें आई हैं। दोनों जवान खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

सप्ताह भर पहले 12 वाहनों को फूंका
जगह-जगह पर कैम्प खुलने से नक्सलियों में बौखलाहट देखने को मिल रही है, जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए सड़कों पर बारूद बिछा कर रखे हैं। जवान जब उस बारूद को सुरक्षित बाहर निकाल लेते हैं तो उनकी बौखलाहट और बढ़ जाती है। जिसके चलते वे लोग सड़क निर्माण में लगे वाहनों को फूंक रहे हैं। नक्सलियों ने सप्ताह भर पहले 19 मार्च की रात आलपरस में सड़क निर्माण में लगे दो जेसीबी और 10 ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया था।

नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए बड़ी योजना बनाकर रखे थे, जवानों के इस मार्ग में आने की भनक पहले नक्सलियों को लग गई थी। इस कारण वे इस मार्ग पर आईडी बम प्लांट करके रखे थे। रिमोट कंट्रोल की मदद से करीब 100 मीटर दूर छिपकर नक्सलियों ने जवानों पर आईडी ब्लास्ट कर दिया। दो जवानों के बीच में ब्लास्ट होने से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। घटना के बाद नक्सली जंगल का आड़ लेकर फरार हो गए। कहीं प्रेशर बम होता और चपेट में जवान आते तो बड़ा खतरा हो जाता।

चिलपरस कैंप खुलने से बौखलाहट
चिलपरस में बीएसएफ कैंप खुलने से नक्सली बैकफूट पर आ गए हैं। क्षेत्र में उनकी गतिविधियां कम हो गई है। लगातार वे ग्रामीणों को सामने लाकर इस कैम्प का विरोध करते आ रहे थे। ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन के बाद भी जब कैम्प बंद नहीं हुआ तो नक्सली बौखला गए और जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए जगह जगह पर आईडी बम प्लांट कर रहे हैं। सर्चिंग अभियान के बाद जवानों ने कई जगह से प्लांट किए गए बम को सुरक्षित बाहर निकाला है।

धमाके के बाद इलाके में बढ़ाई गई सर्चिंग
सुबह जब जवान कोयलीबेड़ा जाने के लिए निकले तो उनको पहले से ही बम लगे होने का अनुुमान था। इसलिए वे सड़क को छोड़कर जंगल के रास्ते से गस्त कर रहे थे लेकिन इसके बाद भी आईडी बम की चपेट में आ गए। जवानों ने मोर्चा संभाला और तुरंत उस मार्ग में आवागमन को बंद कर सर्चिंग अभियान बढ़ा दिया। जवानों का अनुमान था कि नक्सलियों ने उनको नुकसान पहुंचाने के लिए और भी बम लगाए होंगे। हालांकि शाम तक सर्चिंग अभियान में कोई और बम नहीं मिला।