
छोटे-छोटे एंटिना लाइट के पोल्स पर दौड़ेगा 5 जी नेटवर्क
कानपुर। भारत के लिए वायरलेस कम्युनिकेशन बहुत ज्यादा अहम है. इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां मोबाइल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा है. भविष्य में ब्रॉड बैंड कनेक्शन के साथ वायरलेस नेटवर्क की भूमिका बहुत अहम होगी. वेस्टर्न कंट्रीज़ में फाइबर ऑप्टिक्स केबल की मदद से इंटरनेट सुविधाएं दी जा रही हैं. 5जी में रिसर्च इंडिया के लिए काफी अहमियत रखता है. भारत में 5जी नेटवर्क को दौड़ाने के लिए बड़े-बड़े टॉवर नहीं लगेंगे, बल्कि छोटे-छोटे एंटिना लाइट के पोल्स पर लगाए जाएंगे.
यहां मिली जानकारी
यह विचार आईआईटी कानपुर में 5जी कम्युनिकेशन ड्राइविंग द फ्यूचर सेमिनार के दौरान विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किये. इस सेमिनार का आयोजन आईआईटी कानपुर व बीआईएस ने मिलकर किया. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स के डीजी कंज्यूमर अफेयर एच एल उपेन्द्र ने कहा कि आने वाला टाइम 5जी का होगा. 5जी टेक्नोलॉजी से टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट से इलेक्ट्रॉनिक्स ही नहीं, बल्कि बायोलॉजी के क्षेत्र में भी फायदा मिलेगा. स्वदेशी टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने 5जी टेस्टबेड के लिए फंडिंग की है.
शुरू किया है प्रोजेक्ट
ट्रिपल आईईई बेंगलुरु से आए श्रीकांत चन्द्रशेखरन ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे ने राजस्थान में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसे फ्रूगल 5जी का नाम दिया गया है. इस टेक्नोलॉजी का ट्रायल 26 गांवों में किया जा रहा है. प्रोग्राम में प्रो. राजेश हेगड़े, प्रो रोहित बुद्धिराजा, बीआईएस के डिप्टी डायरेक्टर नार्थ एनके कंसारा, प्रो अभिषेक गुप्ता ने नई तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी.
शिकायत पर होगी जांच
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड्स के डिप्टी डायरेक्टर नार्थ एन के कंसारा ने बताया कि अगर किसी हालमार्क लगे ज्वैलरी में कोई कंज्यूमर शिकायत करेगा, तो उसकी शिकायत को गंभीरता से लेकर जांच कराई जाएगी अगर प्रोडक्ट की क्वॉलिटी में गड़बड़ी हुई तो फिर सेंटर व ज्वैलर के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. कानपुर में हालमार्क के तीन सेंटर काम कर रहे हैं. यूपी में करीब 20 सेंटर हैं. देश के 33 हजार ज्वैलर्स ने हालमार्क में रजिस्टर्ड हैं.
Published on:
12 Oct 2018 03:52 pm
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