राज्यपाल बनने के बाद भी आए थे गांव गांव से निकलकर उच्च शिक्षा के बाद दिल्ली में वकालत करने के साथ राज्यसभा के दो बार सांसद रहे और फिर बिहार के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे। इस दौरान जब भी परौंख आए तो उन्होंने इस मिट्टी का जिक्र किया और अपने सहपाठियों को याद किया। आज भी हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद जब जन्मभूमि पर कदम रखा तो सबसे पहले नमन किया। तो उन्हें मिट्टी की खुशबू का फिर से एहसास हुआ। एक बार फिर से गांव का बचपन याद आ गया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के घेरे में उनका काफिला पथरी देवी के मंदिर पहुंचा, जहां उन्होंने पथरी माता के दर्शन कर पूजन किया।
पथरी देवी मंदिर के बारे में परिवार सहित राज्यपाल व मुख्यमंत्री को दी जानकारी उन्होंने पत्नी सविता कोविंद व बेटी स्वाति सहित राज्यपाल आनंदीबेन (UP Governor Anandiben Patel) व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Cm Yogi Adityanath) को मंदिर के बारे में भी बताया। वर्षों पहले के परौंख की बदली तस्वीर देखकर उनकी खुशी चेहरे पर साफ झलक उठी। चारो तरफ आकर्षक सुंदरता और सौम्यता भरा माहौल देख मुस्कराए। इसके बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी कार्य निपटाने के बाद राष्ट्रपति अपनी कर्मभूमि पुखरायां के लिए रवाना हो गए। यहां वो अपने खास मित्र सतीश चंद्र मिश्रा से मिलकर पुरानी यादों ताजा करेंगे।